
नई दिल्ली। देश इस समय कोरोना का दंश झेल रहा है। रविवार को भारत में कोविड 19 के 61,871 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। वहीं देश में इस वायरस की चपेट में अब तक 74 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं। वहीं भारत सरकार ने इस पर नजर बनाए रखने के लिए जिन वैज्ञानिकों का पैनल गठित किया था, उन्होंने चौंकाने वाला दावा किया है। वैज्ञानिकों के पैनल का दावा है कि कोरोना अपने पीक से गुजर चुका है। पैनल के मुताबिक, कोरोना वायरस के फरवरी 2021 तक खत्म होने की संभावना है। भारत में कोरोना के 10.6 मिलियन यानी एक करोड़ छह लाख से ज्यादा मामले नहीं होंगे। अभी भारत में कोरोना के कुल मामले 75 लाख के करीब हैं।
आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति ने कहा कि वायरस से बचाव को लेकर किए जा रहे उपाय जारी रखे जाने चाहिए। समिति ने महामारी के रुख को मैप करने के लिए कम्प्यूटर मॉडल्स का इस्तेमाल किया है। फरवरी तक महामारी पर काबू होने की भी उम्मीद है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जारी रखें। समिति के मुताबिक, अगर भारत ने मार्च में लॉकडाउन न लगाया होता तो देशभर में 25 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई होती। अबतक इस महामारी से 1.14 लाख मरीजों की मौत हुई है। समिति ने कहा है कि त्योहारों और संर्दियों के चलते संक्रमण बढ़ सकता है। इसलिए वर्तमान सुरक्षात्मक उपायों को जारी रखा जाना चाहिए।
वहीं कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भारत में सर्दियों के मौसम में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर देखने को मिल सकती है। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में शामिल भारत के लिए यह चिंता का विषय है। देश पहले से ही वायरस का दंश झेल रहा है और अगर महामारी की दूसरी लहर आती है तो स्थिति अधिक बिगड़ सकती है।