एसटीएफ ने साइबर ठग को दबोचा

 चाइना से ऑपरेट हो रहा गैंग

एसटीएफ ने साइबर ठग को दबोचा

  • बिटक्वाइन में भेजी जाती है रकम
  • मेडिकल स्टोर संचालक से हुई मुलाकात
  • नौ बैंक खातों में साइबर ठगी का प्रयास

लखनऊ । राजधानी में  यूपी एसटीएफ ने जालसाज गिरोह के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। टीम ने इसे दुबग्गा स्थित अवध अस्पताल के पास से पकड़ा है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम कृष्ण कुमार उर्फ  सुनील पुत्र भरत सिंह है। आरोपी ने विकास नगर निवासी डॉक्टर अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट रखकर 48 लाख रुपये हड़पे थे। पूछताछ में पता चला कि गिरोह में शामिल ठगों ने कंबोडिया जाकर ठगी का प्रशिक्षण लिया था। भारत लौटने के बाद फर्जीवाड़ा कर रहे थे। मामले में एसटीएफ पहले ही पांच लोगों को हरियाणा के गुरुग्राम और तीन को लखनऊ से पकड़ चुकी है। 

एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक 22 अगस्त को डॉ. अशोक सोलंकी ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ित के मुताबिक 20 अगस्त को जब वह क्लीनिक से लौट रहे थे तो अनजान नंबर से फोन आया था। फोनकर्ता ने कहा कि वह फेडेक्स सर्विस, अंधेरी ईस्ट, मुंबई से बोल रहा है। आपके एक कुरिअर ईरान के लिए अरमान अली के नाम पर भेजा गया है। इसमें चार एक्सपायर्ड पासपोर्ट, लैपटॉप, पेन ड्राइव, चार क्रेडिट कार्ड, 420 ग्राम प्रतिबंधित मादक द्रव्य और तीन किलो ट्वॉयज आदि सामान भेजा गया है।आपके आधार कार्ड से हवाला के जरिये लेनदेन हुए हैं। मामले में कंपनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। डॉक्टर को झांसे में लेकर दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। कभी मुंबई क्राइम ब्रांच, ईडी, सीबीआई तो कभी नारकोटिक्स विभाग का अफसर बनकर बात की और झांसे में लेकर 48 लाख रुपये ऐंठ लिए थे।  

इस मामले में एसटीएफ ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। गुरुवार को सर्विलांस की मदद से एसटीएफ की टीम ने दुबग्गा हरदोई रोड से गाजियाबाद के मुरादनगर जलालाबाद निवासी कृष्ण कुमार उर्फ सुनील को गिरफ्तार किया। पकड़े गए जालसाज कृष्ण कुमार के पास से एक मोबाइल फोन, 6 डेबिट कार्ड, तीन चेकबुक, एक बैंक खाते की किट, एक साइन किया हुआ चेक, एक इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी कोड डिवाइस, दो सिमकार्ड, 202 पेज का व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट, जिसमें बैंक खातों की पूरी डिटेल थी और 2040 रुपये मिले हैं। 

कृष्ण कुमार ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2016 में आधुनिक इंस्टीट्यूट दुहाई गाजियाबाद में बीटेक में एडमिशन लिया था, पर एक वर्ष बाद बीटेक ड्रॉपआउट कर मोनार्ड यूनिवर्सिटी हापुड़ से बीएससी किया। अक्तूबर 2023 में उसकी मुलाकात मुरादाबाद निवासी मेडिकल स्टोर संचालक राहुल चौहान से हुई।  राहुल ने उसको गेमिंग स्कैमिंग, मिक्सिंग व स्टाक पर काम करने के बारे में बताया। आरोपी कृष्ण कुमार राहुल व उसके साथी मुहफिजुद्दीन से संपर्क कर साइबर ठगी का काम करने लगा। 

मुहफिजुद्दीन कंबोडिया में मौजूद चाइनीज गैंग के संपर्क में था। इस गिरोह ने डिजिटल अरेस्ट, स्टाक फ्राड, गेमिंग फ्राड के माध्यम से लोगों को जाल में फंसाकर ठगी की।  राहुल अभी भी जेल में बंद है। जेल से छूटने के बाद कृष्ण कुमार और मुहफिजुद्दीन फिर से गैंग के लोगों के साथ मिलकर ठगी करना शुरू कर दी थी। हाल ही में नौ बैंक खातों में साइबर ठगी का प्रयास किया था। उनमें से एक बैंक खाते में साइबर फ्रॉड के माध्यम से दिनांक 20, 21 व 23 दिसंबर में 64.21 लाख, 47.78 लाख और 21.64 लाख रुपये आए थे।

ये भी पढ़े -एसटीएफ के हत्थे चढ़ा 50 हजार का इनामी बदमाश

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