गड़बड़ी  : एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने प्रदेश के कई नगरों में दी दबिश

 गड़बड़ी  : एसीबी और ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम ने प्रदेश के कई नगरों में दी दबिश

रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी ) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की संयुक्त टीम ने आज सुबह नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग सहित प्रदेश के अन्य जिलों में करीबन 20 ठिकानों पर छापा मारा है। माना जा रहा है कि इस दौरान भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर कई अहम सबूत अधिकारियों को मिल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भारत माला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में ईओडब्ल्यू ने तत्कालिक अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू और तत्कालिक तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के रायपुर स्थित घरों के साथ करीबन 17 से 20 अधिकारी-कर्मचारियों ,पटवारी और राजस्व निरीक्षक समेत कई के स्थित ठिकानों पर दबिश दी है। जांच एजेंसी की टीम ने इन ठिकानों पर संबंधित दस्तावेजों की तलाश कर रही है। राजधानी रायपुर के सेजबहार में पटवारी के घर पर पर भी छापा पड़ा है।

शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से मुआवजा राशि हासिल कर ली। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के अभनपुर ब्लॉक में एकड़ के जमीनों को 500 से एक हजार वर्ग मीटर में काटा गया। वहीं, 32 प्लॉट को काटकर 142 प्लॉट बनाया गया। 32 प्लॉट का मुआवजा 35 करोड़ बन रहा था, लेकिन छोटे टुकड़े काटने के बाद ये मुआवजा 326 करोड़ हो गया और भुगतान 248 करोड़ रुपये का हो गया। लेकिन विस्तृत जांच में यह आंकड़ा 248 करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गया है। अब तक 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड भी जांच एजेंसी को मिल चुका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है।

इस घोटाले को लेकर चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी मुद्दा उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रकरण की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया था। अब ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले की जांच को और तेज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है। इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं। इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है।

 

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