'ग्राउंड जीरो' साहस, बलिदान और मानवीय जज़्बातों की सच्ची कहानी है 

'ग्राउंड जीरो' साहस, बलिदान और मानवीय जज़्बातों की सच्ची कहानी है 

 

 

बॉलीवुड । देश इस वक्त पहलगाम आतंकी हमले की घटनाओं से हिला हुआ है और इस हमले ने लोगों के गुस्से और दर्द को और भड़का दिया है। ऐसे माहौल में भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने भी आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे पर कई सशक्त फिल्में बनाई हैं। ये फिल्में सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि लोगों तक हमलों की भयावहता और उससे जुड़ी बहादुरी की कहानियों को पहुंचाने का एक जरिया बनती हैं। ऐसे सिनेमा के ज़रिए जनता न सिर्फ जागरूक होती है, बल्कि उसे सच्चाई का सामना करने और उससे सीखने का मौका भी मिलता है।

फिल्म 'ग्राउंड जीरो':भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से ही तनावपूर्ण रहे हैं, चाहे वो 1965 की जंग हो या 1999 का कारगिल युद्ध। साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले ने इन संबंधों में और भी खटास ला दी थी। ऐसे माहौल में जब भी आतंकवाद पर आधारित कोई फिल्म सामने आती है, तो वो दर्शकों के दिल को छूती है। शायद यही वजह है कि बॉलीवुड में देशभक्ति और सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानियों का क्रेज कभी कम नहीं होता। अब इसी कड़ी में एक और फिल्म ने दस्तक दी है, 'ग्राउंड जीरो'। यह फिल्म आतंकवाद के खिलाफ जंग और बहादुरी की कहानी को पर्दे पर उतारती है, जो दर्शकों के लिए एक भावनात्मक और प्रेरणादायक सफर साबित हो रही है।

कहानी:फिल्म 'ग्राउंड जीरो' की कहानी की शुरुआत होती है साल 2001 से, जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर था। कश्मीर की वादियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उस वक्त बीएसएफ के जांबाज अफसर नरेंद्र नाथ धर दुबे यानी इमरान हाशमी के कंधों पर थी। जैश-ए-मोहम्मद और गाजी बाबा जैसे आतंकियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। अक्षरधाम मंदिर पर हमला हो या संसद पर अटैक, इन सबके पीछे गाजी बाबा का ही हाथ था। उसे पकड़ने के लिए नरेंद्र दुबे ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों तक से टकराने में हिचक नहीं दिखाई। इतिहास गवाह है कि गोलियां खाने के बावजूद नरेंद्र नाथ दुबे ने हार नहीं मानी और गाजी बाबा को पकड़ने में सफलता हासिल की। यह फिल्म उन्हीं की सच्ची और साहसी कहानी पर आधारित है। अगर आप इस बहादुरी को बड़े पर्दे पर महसूस करना चाहते हैं, तो थिएटर जाना बिल्कुल बनता है।

डायरेक्शन:फिल्म 'ग्राउंड जीरो' का निर्देशन तेजस प्रभा विजय देऊरकर ने किया है, जबकि इसकी कहानी को सचिन गुप्ता और प्रियदर्शी श्रीवास्तव ने लिखा है। डायरेक्शन की बात करें तो तेजस ने अपने निर्देशन से कहानी में जान फूंक दी है। फिल्म में आतंकवादियों के साथ हुए मुठभेड़ों को बेहद रियल और इंटेंस तरीके से फिल्माया गया है, जो कहानी के साथ पूरी तरह मेल खाता है। वहीं, फिल्म का स्क्रीनप्ले भी टाइट है, ना कहीं बोझिल लगता है और ना ही ट्रैक से भटकता है। कुल मिलाकर डायरेक्शन और राइटिंग दोनों ही स्तर पर फिल्म ने मजबूत छाप छोड़ी है।

कलाकार:फिल्म 'ग्राउंड जीरो' में इमरान हाशमी पूरी तरह से केंद्र में हैं और चूंकि यह एक रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित है, तो उनका फोकस में होना बिल्कुल स्वाभाविक भी लगता है। उन्होंने नरेंद्र नाथ धर दुबे के किरदार में जबरदस्त समर्पण दिखाया है। उनकी पत्नी की भूमिका में सई ताम्हणकर नजर आई हैं, और भले ही उनका स्क्रीन टाइम सीमित हो, लेकिन जितनी बार भी स्क्रीन पर दिखीं, उन्होंने अपने अभिनय से छाप छोड़ दी। वहीं, जोया हुसैन, मुकेश तिवारी, दीपक परामेश, ललित प्रभाकर, रॉकी रैना और राहुल वोहरा जैसे कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को पूरी ईमानदारी के साथ निभाया है, जिससे फिल्म का सपोर्टिंग कास्ट भी मजबूत नजर आता है।

संगीत:फिल्म 'ग्राउंड जीरो' के एक्शन सीक्वेंस के दौरान बैकग्राउंड स्कोर जबरदस्त है, जिसे जॉन स्ट्युअर्ट एडुरी ने कंपोज किया है। उनका म्यूजिक हर एक्शन सीन में थ्रिल और टेंशन को शानदार तरीके से उभारता है। जहां तक गानों की बात है, तो फिल्म में तनीष बागची, रोहन-रोहन, इरशाद कामिल, रश्मि विराग और सनी इंदर ने मिलकर कुछ गाने दिए हैं। हालांकि ये गाने यादगार तो नहीं बन पाए, लेकिन फिल्म के इमोशनल सीन्स में ये बैकग्राउंड में असर छोड़ते हैं। फिल्म की बात करें तो इसका फर्स्ट हाफ ही पेस पकड़ लेता है और दर्शकों को स्क्रीन से जोड़कर रखता है। कुछ ऐसे दृश्य भी हैं जो दिल को झकझोर कर रख देते हैं, और क्लाइमैक्स तक आते-आते देश और बीएसएफ जवान नरेंद्र नाथ धर दुबे पर गर्व महसूस होता है।

क्या देखे:इस वक्त देशभक्ति फिल्मों का जो दौर चल रहा है, उसमें 'ग्राउंड जीरो' बिल्कुल फिट बैठती है। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि भारत के असल हीरो नरेंद्र नाथ धर दुबे की बहादुरी और बलिदान का दस्तावेज़ है। फिल्म में ना सिर्फ एक्शन और इमोशन है, बल्कि देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा भी मिलती है। ऐसे में यह फिल्म ज़रूर देखी जानी चाहिए।

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