पशु चिकित्सालय उन्नाव की सरकारी भूमि पर अवैध रूप से संचालित 'सैनिक होटल' पर गिर सकती है गाज
शिवबालक द्वारा दशकों से कब्जाई गई भूमि को लेकर प्रशासन सख्त, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के निर्देश
उन्नाव। नगर क्षेत्र स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय की बहुमूल्य सरकारी भूमि पर वर्षों से अवैध रूप से कब्जा जमाकर संचालित हो रहा ‘सैनिक होटल’ अब प्रशासन के निशाने पर आ गया है। उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय चतुर्वेदी द्वारा जिलाधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, उप जिलाधिकारी और कोतवाली प्रभारी सहित सभी संबंधित अधिकारियों को भेजे गए पत्र के माध्यम से भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने की संस्तुति की गई है। पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि श्री शिवबालक द्वारा पशु चिकित्सालय की भूमि पर अनधिकृत रूप से कब्जा कर ‘सैनिक होटल’ नाम से भोजनालय संचालित किया जा रहा है, जो पूर्णतः अवैध है।
विवरण के अनुसार, गाटा संख्या-5253 की भूमि वर्ष 1919 से ही राजकीय पशु चिकित्सालय के नाम दर्ज है और वर्षों से उसका उपयोग विभागीय कार्यों के लिए किया जाता रहा है। वर्ष 1970 में उक्त भूमि पर नवीन पशु चिकित्सालय भवन का निर्माण भी कराया गया था। दस्तावेजों के अनुसार, उक्त भूमि को वर्ष 1961 में 'सीलिंग एक्ट' के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिकृत किया गया था।
उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि शिवबालक का दावादार पत्र पूर्व में न्यायालय द्वारा खारिज किया जा चुका है, और उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज भी निरस्त घोषित हो चुके हैं। इसके बावजूद अब तक न तो कब्जा हटाया गया और न ही होटल संचालन रोका गया, जिससे विभागीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यदि शीघ्र ही कब्जा नहीं हटाया गया तो जिला प्रशासन और नगर पालिका परिषद की संयुक्त टीम मौके पर पहुंचकर ‘सैनिक होटल’ को सील करने की कार्रवाई कर सकती है।
इस कार्रवाई की सुगबुगाहट से आसपास के अवैध कब्जेदारों में भी हलचल देखी जा रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि न सिर्फ इस अतिक्रमण को हटाया जाए, बल्कि ऐसे अन्य मामलों में भी सख्ती बरती जाए, जिससे सरकारी संपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।
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