मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक हटी, हजारों का भला
एडेड विद्यालयों के शिक्षकों का मानदेय बढ़ा, योगी को लोगों दिया साधुवाद
By Tarunmitra
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लखनऊ। आज योगी की द्वारा कैबिनेट बाई सर्कुलेशन द्वारा कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, इस प्रस्तावों से कई घरों में नई खुशी देखी जा रही है। इन फैसलों में कानपुर बनारस, बाराबंकी की कई सड़कों के लिए बजट मंजूर किया गया। अयोध्या एयरपोर्ट की भूमि पर स्टांप शुल्क पर सरकार ने छूट दी है। हाईकोर्ट के सेवारत और सेवानिवृत्त जजों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
संस्कृत शिक्षकों को बड़ी राहत
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर तैनात 1020 से अधिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है। कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन इनका मानदेय बढ़ाने और दो सत्र का कार्यकाल बढ़ाने को सहमति दे दी है।
इसके तहत पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल) में पढ़ा रहे शिक्षकों का मानदेय 12 से बढ़ाकर 20 हजार और उत्तर मध्यमा (इंटर) में पढ़ा रहे शिक्षकों का मानदेय 15 से बढ़ाकर 20 हजार करने पर कैबिनेट ने सहमति दे दी है।
वहीं एडेड व राजकीय संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और छात्रों की पढ़ाई पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए, नियमित नियुक्ति न होने के कारण 2021 व 2023 में रखे गए व वर्तमान में काम कर रहे मानदेय शिक्षकों का कार्यकाल शैक्षिक सत्र 2025-26 व 2026-27 के लिए बढ़ाने पर भी सहमति दी गई है। इस निर्णय से राजकीय संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई करा रहे मानदेय शिक्षक भी लाभांवित होंगे। उनका भी कार्यकाल दो सत्र के लिए बढ़ जाएगा।
रोक हटी, परिवहन निगम में होगी 1164 मृतक आश्रितों की भर्ती
परिवहन निगम में 1164 मृतक आश्रितों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। निगम के इस प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। सार्वजनिक उद्यम विभाग ने 11 जुलाई 2003 को उपक्रमों एवं निगमों में मृतक आश्रितों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी। इसके विरोध में कई बार कर्मचारी संगठनों ने निगम मुख्यालय पर धरना- प्रदर्शन भी किया। ऐसे में परिवहन निगम ने सार्वजनिक उपक्रमों एवं निगमों में मृतक आश्रित के सेवायोजन पर लगे प्रतिबंध को शिथिल करने और उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में मृतक आश्रितों की नियुक्ति की अनुमति मांगी। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस प्रस्ताव के मंजूर होने के बाद निगम में 1164 मृतक आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल सकेगी। निगम की ओर से तय किए गए इन मृतक आश्रितों में अलग- अलग कैडर के आश्रित हैं।
200 करोड़ से ज्यादा के 6 सड़क मार्गों को कैबिनेट की मंजूरी
प्रदेश में सड़क मार्ग से जुड़े छह प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। इनमें से प्रत्येक प्रस्ताव 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। छह में से तीन प्रस्ताव वाराणसी, दो कानपुर और एक बाराबंकी का है। वाराणसी में कचहरी से आशापुर चौराहा होते हुए संदहा तक मार्ग का चार लेन में चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव पास हो गया। इसकी कुल लंबाई 9.32 किलोमीटर है।
वाराणसी में कालीमाता मंदिर से आवास विकास कालोनी होते हुए वाराणसी आजमगढ़ रोड मार्ग तक के 2.40 किमी में दो लेन व 4.10 किमी में ( पाण्डेयपुर चौराहे से रिंग रोड तक) चार लेन में चौड़ीकरण का बजट भी मंजूर हो गया। इस मार्ग की कुल लंबाई 6.50 किमी है। वाराणसी में पड़ाव रामनगर ( टेंगरा मोड़ ) का चार लेन में चौड़ीकरण व सृदृढ़ीकरण को मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी। इसकी कुल लंबाई 6.85 किमी है।
कानपुर नगर में कानपुर अनवरगंज-रावतपुर रेल मार्ग ( पूर्वोत्तर रेलवे) के जरीब चौकी के नजदीक चार लेन रेल उपरिगामी सेतु, जीटी रोड पर चार लेन फ्लाई ओवर और घंटाघर रोड पर दो लेन फ्लाई ओवर के निर्माण कार्य को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दे दी गई।
कानपुर नगर से शुक्लागंज उन्नाव को जोड़ने वाले पुराने क्षतिग्रस्त गंगा पुल के 50.00 मीटर अपस्ट्रीम में गंगा नदी पर प्रस्तावित चार लेन पुल को भी मंजूरी दे दी गई। बाराबंकी में इंटौजा - महोना- कुम्हरावा - कुर्सी- देवां-चिनहट मार्ग में दो लेन से चार लेन में चौड़ीकरण की हरी झंडी दे दी गई। इस मार्ग की कुल लंबाई 27.35 किलोमीटर है।
शिक्षकों के परिजनों को मिलेगी डेथ ग्रेच्युटी
सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) महाविद्यालय के शिक्षकों के परिजनों को अब डेथ ग्रेच्युटी (25 लाख रुपये) मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को सहमति दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार एडेड कॉलेज के शिक्षक जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया गया और उनकी मृत्यु 58 साल के पहले हो गई। ऐसे भी शिक्षक जिन्होंने साल 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा किंतु विकल्प परिवर्तन के लिए निर्धारित अवधि के पहले ही मृत्यु हो गई। ऐसे शिक्षकों के परिजनों को डेथ ग्रेच्युटी का भुगतान किए जाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि ऐसे काफी शिक्षकों के परिजन थे, जो इसके लिए भटक रहे थे। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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