पशुचिकित्सालय सदर उन्नाव की ज़मीन पर अवैध कब्जा,
सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण का मामला गरमाया,मुख्यपशुचिकित्साधिकारी ने पुलिस व नगर प्रशासन से की हस्तक्षेप की मांग, विभागीय कामकाज हो रहा प्रभावित
उन्नाव। शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले सदर क्षेत्र स्थित पशुचिकित्सालय की ज़मीन पर हुए अवैध अतिक्रमण ने प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डॉ. महावीर सिंह ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक एवं नगर मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर तत्काल अतिक्रमण हटवाने की मांग की है।
यह मामला तब सामने आया जब उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा 21 फरवरी 2025 को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि पशुचिकित्सालय की बाउंड्रीवाल के बाहर की सरकारी भूमि पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अनाधिकृत रूप से कब्जा कर लिया गया है। न सिर्फ अस्थायी ढांचे खड़े कर दिए गए हैं, बल्कि वहां व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाई जा रही हैं।
कर्मचारियों को हो रही परेशानी, सुरक्षा पर भी खतरा
रिपोर्ट के अनुसार इस अतिक्रमण से विभाग के नियमित कार्यों में गंभीर बाधा उत्पन्न हो रही है। पशुचिकित्सालय आने वाले मरीजों और उनके पशुपालकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों की सुरक्षा और संस्थान की गरिमा पर भी संकट मंडरा रहा है। बाउंड्रीवाल के बाहर बने अस्थायी ढांचों के कारण आए दिन ट्रैफिक जाम, गंदगी और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
प्रशासन से मांगी गई सख्त कार्रवाई
मुख्य पशुचिकित्साधिकारी ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि विभागीय कर्मचारियों की मौजूदगी में पुलिस बल के सहयोग से इस अतिक्रमण को हटाया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो न केवल विभाग की कार्यप्रणाली बाधित होगी, बल्कि अन्य असामाजिक तत्वों को भी अतिक्रमण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
विभिन्न अधिकारियों को भेजा गया पत्र
इस पत्र की प्रतिलिपि जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, नगर पालिका परिषद, एवं पशुपालन विभाग के लखनऊ स्थित मंडल कार्यालय को भी भेजी गई है, जिससे प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित हो।
अब सबकी नजरें प्रशासन पर टिकीं
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कितनी शीघ्रता और कठोरता से कदम उठाता है। क्या नियमों के तहत दोषियों पर कार्रवाई होगी या मामला केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएगा यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।
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