केन्द्र सरकार का रवैया लोकतंत्र को खत्म करने वाला: खरगे
कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भाजपा सरकार किया प्रहार
- सत्ताधारी पार्टी संवैधानिक मूल्यों व संस्थाओं पर कर रही है हमला
- बजट सत्र के दौरान सरकार पर मनमानी करने का खरगे ने लगाया आरोप
- जवाहरलाल नेहरू ने बड़े-बड़े कारखाने बनाए, जिसे मोदी खत्म कर रहे
- अधिवेशन में राहुल गांधी ने उठाया जाति जनगणना का मुद्दा, वक्फ कानून को बताया संविधान पर आक्रमण
अहमदाबाद। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चिंता जताई और केन्द्र की भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किया। खरगे ने कहा कि पिछले 11 साल से सत्ताधारी पार्टी संवैधानिक मूल्यों, संवैधानिक संस्थाओं पर हमला कर रही है, इससे रोकने की जरूरत है और इसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। केन्द्र सरकार का यह रवैया है, लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है। साबरमती तट पर बसे अहमदाबाद में चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने हाल ही में हुए बजट सत्र के दौरान सरकार पर मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने राहुल गांधी का नाम लिया, लेकिन बाद में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। यह सरकार सामान्य लोगों को कहा बोलने देगी।
नेता विपक्ष की बात को दबाई जा रही है तो आज की सरकार की मानसिकता समझी जा सकती है। खरगे ने कहा कि आज देश में जनता के मुद्दों पर चर्चा होने के बजाए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मणिपुर जैसे मुद्दे पर सुबह 4.30 बजे चर्चा होती है। उन्होंने संसद में कहा था कि इस मुद्दे पर वे बात करना चाहते हैं, क्योंकि इस मुद्दो पर हमें बोलना है कि मणिपुर में क्या चल रहा है। इसके बावजूद सरकार ने हमारी बात नहीं मानी। इसका आशय है कि मणिपुर मामले में सरकार कुछ छुपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सुबह 5 बजे तक संसद चली, लोग सो रहे थे, इस समय सरकार बिल लाती है। सरकार का यह रवैया है, लोकतंत्र को धीरे-धीरे खत्म कर रहा है। खरगे ने कहा कि अमेरिका ने हम पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया है, परंतु सरकार ने इस पर चर्चा नहीं होने दी।
खरगे ने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने बड़े-बड़े कारखाने बनाए, जिसे मोदी खत्म कर रहे हैं। आज आखिरी दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। कार्यक्रम में राहुल गांधी ने एक बार फिर से जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है। राहुल गांधी ने कहा कि, तेलंगाना में हमने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। हमने जाति जनगणना करायी है। राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि हमें देश में जाति जनगणना करवानी चाहिए... मैं जानना चाहता था कि इस देश में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और क्या यह देश सही मायने में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया क्योंकि वे नहीं चाहते कि इस देश में अल्पसंख्यकों को कितनी हिस्सेदारी मिलती है, यह पता चले। मैंने उनसे कहा कि हम संसद में आपके सामने ही जाति जनगणना कानून पारित करेंगे।राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा में, राज्यसभा में हम कानून पास करेंगे।
जाति जनगणना यहीं से निकालेंगे। मैं जानता हूं कि जो तेलंगाना की हालत है, वह हर प्रदेश की है। तेलंगाना में 90 फीसदी आबादी, ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक है। तेलंगाना में मालिकों की लिस्ट, सीईओ की लिस्ट, सीनियर मैनेजमेंट की लिस्ट में इस 90 फीसदी में से नहीं मिलेगा।
राहुल ने कहा, तेलंगाना में सारे गिग वर्कर्स दलित, ओबीसी या आदिवासी हैं। तेलंगाना में जाति जनगणना में नया उदाहरण दिया है। तेलंगाना में हम सचमुच में विकास का काम कर सकते हैं। वहां हम हर सेक्टर में आपको बता सकते हैं। मैं खुश हूं कि जाति जनगणना होने के बाद हमारे सीएम और टीम ने ओबीसी रिजर्वेशन को 42 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। जब दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक की भागीदारी की बात आती है तो भाजपा के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया है, वह हम पूरे देश में करने जा रहे हैं। भाजपा ने इसे रद्द कर दिया है।
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