आईपीएस विक्रम श्रीवास्तव की स्मृति में पुलिस मुख्यालय में शोकसभा आयोजित
डीजीपी प्रशांत कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दी श्रद्धांजलि
लखनऊ। पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार स्थित सभागार में विकम श्रीवास्तव (आईपीएस-आरआर-1973) सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के 27 मार्च को हुये निधन के परिपेक्ष्य में शोक सभा का आयोजन किया गया। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशान्त कुमार सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण द्वारा दिवंगत पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। विक्रम श्रीवास्तव का जन्म 18 मार्च, 1952 को जनपद इलाहाबाद में हुआ था। विक्रम श्रीवास्तव वर्ष 1973 में "भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए।
प्रशिक्षण के उपरान्त वह सहायक पुलिस अधीक्षक कानपुर नगर, सेनानायक 36वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी, पुलिस अधीक्षक रेलवे इलाहाबाद, पुलिस अधीक्षक, रामपुर, एटा, पुलिस अधीक्षक सीबीसीआईडी मुख्यालय लखनऊ, पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण एवं सुरक्षा लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहे तथा यहीं से वर्ष 1985 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रस्थान कर गये। केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान ही उन्हें पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं पुलिस महानिरीक्षक के पदों पर प्रोन्नति प्रदान की गयी। वर्ष 1997 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के फलस्वरूप पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ जोन एवं पुलिस महानिरीक्षक सुरक्षा लखनऊ के पद पर नियुक्त रहे।
वर्ष 2001 में 'अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत होकर अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा लखनऊ के पद पर नियुक्त हुये तथा यहीं से पुनः केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर प्रस्थान कर एसपीजी एवं एसएसबी में सेवायें दीं तथा तीन केंद्रीय पुलिस संगठनों सीआरपीएफ, आईटीबीपी एवं बीपीआर-डी के प्रमुख के रूप में कार्य किया। प्रतिनियुक्ति पर रहते हुये अपनी अधिवर्षता आयु पूर्णकर 31 मार्च 2012 को सेवानिवृत्त हुये।
विक्रम श्रीवास्तव का 27मार्च को दुःखद निधन हो गया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि विक्रम श्रीवास्तव ने सेवाकाल में पूर्ण निष्ठा व लगन से कार्य सम्पादित कर पुलिस विभाग को गौरवान्वित किया है। विक्रम श्रीवास्तव का लगभग 38 वर्षों से अधिक का सेवाकाल उपलब्धियों से भरा रहा है। सेवाकाल के दौरान इन्हें गणतन्त्र दिवस वर्ष 1989 के अवसर पर "दीर्घ एवं सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक" एवं स्वतंत्रता दिवस वर्ष 1995 के अवसर पर "विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक' से सम्मानित किया गया। विक्रम श्रीवास्तव अपनी उपलब्धियों के लिये सदैव हमारी स्मृति में बने रहेंगे।
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