सीमैप में किसान मेले का सफल समापन,चार हजार किसानो ने लिया भाग

सीमैप में किसान मेले का सफल समापन,चार हजार किसानो ने लिया भाग

लखनऊ। केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान लखनऊ स्थित कैम्पस में 30 व 31 जनवरी को किसान मेले का आयोजन किया गया। किसान मेले के दूसरे दिन दिनांक 31 जनवरी, 2025 को देश के विभिन्न राज्यों से आये लगभग चार हजार किसानों ने भाग लिया। इस किसान मेले के अवसर पर सम्मानित अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया तथा दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

किसान मेले के समारोह में मुख्य अतिथि डा. अनिल प्रकाश जोशी, पद्म भूषण एवं पद्मश्री पर्यावरणविद् एवं संस्थापक, हिमालयन पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन देहरादून, उत्तराखण्ड ने अपने सम्बोधन मे किसान मेला प्रयोगशालाओं में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि किसान औषधीय एवं सगंध पौधों को परंपरागत फसलों के साथ-साथ उगाएँ तो उनकी आय मे जरूर वृद्धि होगी। किसान मेला मे आए बड़ी मात्रा मे किसानों को देख “किसान कुम्भ” कहकर किसान मेला को सम्मानित किया। उन्होंने सीमैप को किसान मेला आयोजन के लिए बधाई दी। किसान मेला के अवसर पर विशिष्ठ अतिथि, डॉ अजीत कुमार शासनी, निदेशक, सीमैप राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने औषधीय एवं सगंध पौधों के उत्पादन में सीमैप के योगदान की प्रशंसा करते हुए कि संस्थान के प्रयासों से 5 लाख से भी अधिक किसानों की आय बढ़ाते हुए देश को मेन्था के उत्पादन और निर्यात में शीर्ष स्तर पहुंचा कर सराहनीय कार्य किया है। 

उन्होंने वैज्ञानिको तथा किसानो से आवाहन किया की वे सगंध के साथ साथ औषिधीय पोधो के मूल्य संवर्धन का भी कार्य करे। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि बी.एल. मीणा, मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सम्बोधन मे सीमैप के प्रयासों की सराहना की और इस अवसर पर उन्होंने किसानों के लिए अपने विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं के बारे मे विस्तार से बताया। इससे  पूर्व सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने किसान मेला मे पधारे अतिथियों एवं किसानों का स्वागत किया। उन्होने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस किसान मेले का आयोजन इस अवधारणा के साथ प्रारम्भ किया गया है कि सी.एस.आई.आर-सीमैप द्वारा विकसित उन्नत प्रजातियों, उन्नत कृषि एवं प्रसंस्करण तकनीकों को आम जनमानस तक पहुचाने का कार्य किया जा सके।

यह किसान मेला किसानों, वैज्ञानिकों एवं व्यापारियों के संगम की तरह है जहां पर सभी भविष्य की परियोजनाओं पर विचार करते हैं। इसका सीधा लाभ किसानों उद्यमियों को मिलता है। उन्होनें बताया कि सीमैप ने पिछले 6 दशकों से औषधीय एवं सगंध पौधों पर अनुसंधान एवं विकास कार्य कर रहा है, जिसके फल स्वरूप औषधीय एवं सगंध पौधों की उन्नत प्रजातियों का विकास किया है जिससे किसानों को अधिक पैदावार मिलती है। 

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