केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों ने संसद भवन में बाबासाहेब को अर्पित की श्रद्धांजलि
आलोक कुमार होलकर
नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा सांसदों, पूर्व सांसदों एवं अन्य गणमान्य हस्तियों ने सोमवार को भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर संसद भवन परिसर में प्रेरणा स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इसके बाद संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्रियों, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, संसद सदस्यों, पूर्व संसद सदस्यों, लोक सभा और राज्य सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और पी.सी. मोदी तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने भारत के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। सामाजिक न्याय के पक्षधर के रूप में सुविख्यात बाबासाहेब ने भारतीय समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
डॉ. अम्बेडकर की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के सभापति के रूप में रही। इस पद पर कार्य करते हुए उन्होंने संविधान सभा में चर्चा के दौरान अमूल्य योगदान दिया तथा भारत के संविधान में समावेशिता और न्याय के सिद्धांतों को सुनिश्चित करने के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में कार्य करते हुए समृद्ध विरासत छोड़ी जिसके लिए उन्हें पूजनीय माना जाता है।
इस अवसर में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान सभा में ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन के रूप में दुनिया के सर्वोत्कृष्ट विधायी दस्तावेज भारत के संविधान की रचना की। जब हम संविधान अंगीकरण के 75 वर्षों का उत्सव मना रहे हैं, बाबासाहेब का व्यक्तित्व और अधिक प्रासंगिक हो जाता है। उनका दर्शन हमें सभी तरह के अन्याय, शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ संगठित रहने की प्रेरणा देता है। गौरतलब हो, संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र का अनावरण 12 अप्रैल, 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने किया था।
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