संघर्ष समिति ने की ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्ति रद्द करने की मांग
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने शनिवार बिजली के निजीकरण के विरोध में ज्ञापन दो अभियान पखवाड़ा के अंतर्गत प्रदेश के विधायक डॉ राजेश्वर सिंह,कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्र,विधायक नरेश उत्तम पटेल,विधान परिषद के सदस्य उमेश द्विवेदी और कई विधायकों को ज्ञापन दिया। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति रद्द करने की अनुशंसा की फाइल पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है और अवैध ढंग से नियुक्त कंसलटेंट के जरिए निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
समिति ने कहा कि आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने शक्तिभवन में पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन से लम्बी वार्ता की जिसमें उम्मीद की जा रही थी कि ऊर्जा मंत्री मा मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को देखते हुए कंसल्टेंट के आदेश को निरस्त करने का निर्देश देंगे। अत्यंत खेद का विषय है कि ऊर्जा मंत्री ने इतने गंभीर मामले पर कुछ भी निर्देश नहीं दिया।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट मेसर्स ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की इंजीनियर आफ द कांट्रैक्ट की अनुशंसा के बावजूद कंसल्टेंट का आदेश निरस्त करने के बजाय इसी कंसल्टेंट के जरिए निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है जिससे अनावश्यक तौर पर टकराव का वातावरण बन रहा है । संघर्ष समिति ने कहा कि प्रारंभ से ही पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की निजीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
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