रक्तदान सर्वोत्तम पुण्य का काम:डॉ0 अवधेश अग्रवाल
त्रिवेणी अपार्टमेन्ट अकादमी सोसाइटी धर्मशाला बाजार, गोरखपुर में गुरू श्री गोरक्षनाथ ब्लड बैंक के संयुक्त तत्वधान में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
गोरखपुर, विश्व एड्स दिवस, 1988 के बाद से 1 दिसम्बर को हर साल मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य है (एच आई वी) संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना , और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनाना है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, इस दिन का निरीक्षण करते हैं।
त्रिवेणी अपार्टमेन्ट अकादमी सोसाइटी धर्मशाला बाजार, गोरखपुर में गुरू श्री गोरक्षनाथ ब्लड बैंक के संयुक्त तत्वधान में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
त्रिवेणी अपार्टमेन्ट अकादमी सोसाइटी के अध्यक्ष हरिश चन्द्र जायसवाल एवं सचिव गोपी कृष्ण जी ने लोगों को रक्तदान के विषय में फैली भ्रांतियों को दूर किया। इससे किसी प्रकार की कमजोरी नही होती है अपितु उपरोक्त लाभ स्वयं के शरीर को मिलता है। कृष्ण कुमार अग्रवाल जी ने लोगों के मन में चल रही जिज्ञासा को दूर किया तथा अनूप जैन जी ने आगे बताया की अपने मन से हर-तरह की शंका को निकालते हुए नियमित रक्तदान करें। एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन माह पश्चात् सुरक्षा पुर्वक रक्तदान कर सकता है।
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ0 अवधेश अग्रवाल ने बताया की भारतवर्ष में 1 वर्ष में लगभग 1 करोड 50 लाख रक्त युनिट की आवश्यकता होती है। तथा आपुर्ति केवल इसकी आधी ही हो पाती है। जिसके कारण या तो व्यवसायिक रक्तदाता के चंगुल में फस जाता है अथवा काल के गाल में समा जाता है इन आकड़ों को देखते हुए जनमानस को चाहिए की वह नियमित रक्तदान करके इस त्रासदी को रोकने में समाज तथा राष्ट्र को समृध्द करने में अपना अहम भुमिका का निर्वहन करें। यह एक सर्वोत्तम पुण्य का काम हैं इसलिए कहा गया है रक्तदान महादान।
गुरूद्वारा परिसर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू जी ने इस शिविर में उपस्थित होकर अहम भुमिका निभाया इन्होनें बताया की रक्त का दान आपके लिए कुछ मिनट का मतलब है लेकिन किसी और के लिए यह जीवकाल है, यदि ईश्वर ने आपको योग्य बनाया है कि आप दुसरों की मद्द कर सकते है तो जरूर करें। (रक्तदान करे किसी को जीवन दान करें। )
इस रक्तदान शिविर में कृष्णा अग्रवाल, श्वेता टेक्नीवाल, गोपी कृष्ण रंगटा, विकाश सिंह, गौरव सिंह, वंदना, सतवंत सिंह, विनय चौरसिया के साथ लगभग 30 लोगों ने रक्तदान किया।
इस रक्तदान को सफल बनानें में ब्लड बैंक अधिकारी, टेक्निशियन, एवं कर्मचारीयों का महत्वपुर्ण योगदान रहा।
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