गरम माहौल में गलती से पाक सीमा में पहुंचा बीएसएफ जवान
फ्लैग मीटिंग के जरिए बातचीत कर मामला सुलझा लिया जाता है
By Tarunmitra
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नई दिल्ली। पंजाब प्रान्त के फिरोजपुर में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार गलती से पाकिस्तानी सीमा में पहुंचा बीएसएफ का जवान जल्द रिहा हो जाएगा। पाकिस्तानी रेंजर्स को सकुशल, बीएसएफ जवान को वापस भेजना होगा। भले ही इसके लिए फ्लैग मीटिंग की संख्या बढ़ जाए। बीएसएफ के पूर्व एडीजी एसके सूद कहते हैं, रेंजर्स की इतनी हिम्मत नहीं है कि वे लंबे समय तक बीएसएफ जवान को अपने पास रख सकें। अब तो खुद पाकिस्तान की तरफ से जवान के फोटो जारी किए गए हैं। इसका सीधा मतलब है कि पड़ोसी मुल्क ने यह बात स्वीकार कर ली है कि बीएसएफ का जवान उनके पास है।
पूर्व एडीजी एसके सूद ने बताया, इस तरह की घटना कोई असामान्य नहीं है। ऐसा कई बार पहले भी होता रहा है। दोनों पक्षों द्वारा फ्लैग मीटिंग के जरिए बातचीत कर मामला सुलझा लिया जाता है। ज्यादा दिक्कत तब आती है जब पाकिस्तान इस बाबत कोई बयान ही जारी नहीं करता। यानी, वह चुप रहता। दूसरी तरफ बीएसएफ के द्वारा यह कहा जाता कि हमारा जवान, सीमा के उस पार चला गया है। अब तो पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है कि बीएसएफ का जवान उनके पास है। बाकायदा, जवान के फोटो भी जारी कर दिए हैं। फोटो में हथियार के अलावा जवान के पास मौजूद दूसरा सामान भी दिख रहा है। ऐसे में पाकिस्तान मुकर नहीं सकता।
बतौर एसके सूद, फ्लैग मीटिंग के लिए पहले झंडा ही दिखाया जाता था। होट लाइन का सिस्टम भी रहा है। अब तो और भी ज्यादा संचार तकनीक आ गई है। कई बार कमांडर स्तर पर या उससे बड़े अधिकारी, अपने समकक्ष से बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास करते हैं। ये तय है कि पाकिस्तान, लंबे समय तक इस मामले को नहीं खींचेगा। हो सकता है कि वह एक दो बार फ्लैग मीटिंग के लिए राजी न हो, लेकिन आखिर में उसे मानना ही पड़ेगा। अब ये बात सब को पता चल चुकी है कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने बीएसएफ जवान को पकड़ा है।
फोटो में वह सही सलामत नजर आ रहा है। अब जवान को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाया जा सकता। संभव है कि रेंजर्स, जवान से पूछताछ करने का प्रयास करें। अगर सीओ लेवल पर बात नहीं बनती है तो उससे बड़े अधिकारी, बातचीत में शामिल हो जाते हैं। पहलगाम के हमले के बाद कई लोगों को यह चिंता हो रही है कि पाकिस्तान बीएसएफ जवान को रिहा करने में आनाकानी करेगा। ऐसी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। अगर ऐसा होता तो पाकिस्तान द्वारा जवान की फोटो ही जारी नहीं की जाती।
यह घटना बुधवार को तब हुई, जब बीएसएफ जवान पीके सिंह 182वीं बटालियन, बॉर्डर के गेट संख्या 208/1 पर तैनात थे। वे फसल कटाई के दौरान भारतीय किसानों पर नजर रख रहे थे। बीएसएफ, किसानों की सुरक्षा भी करती है। लिहाजा तेज गर्मी के मौसम में जवान ने जब पेड़ की छांव में खड़े होने का प्रयास किया तो पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे हिरासत में ले लिया। उनकी सर्विस राइफल भी जब्त कर ली गई। बताया जाता है कि वह कुछ समय पहले ही इस क्षेत्र में तैनात हुआ था। ऐसे में संभव है कि जवान को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर की तमाम बारीकियों की जानकारी न हो।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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