अंसल बिल्डर के ऑफिस पर इन्कम टैक्स का छापा

कई दस्तावेज जब्त किए, बैंक खातों की जांच जारी

अंसल बिल्डर के ऑफिस पर इन्कम टैक्स का छापा

लखनऊ। अंसल एपीआई बिल्डर के लखनऊ ऑफिस में इनकम टैक्स की टीम छापा मारा है। दिल्ली से आई अधिकारियों की टीम ने कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त कर लिए। दस्तावेज को टैक्स चोरी और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जांच का हिस्सा हैं। कंपनी के बैंक खातों, लेन-देन और संपत्ति संबंधी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है। विभाग ने फिलहाल मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। माना जा रहा है कि अन्य बिल्डरों और रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ भी जांच हो सकती है।

बताया जा रहा है कि अंसल ग्रुप के खिलाफ दिल्ली में चार साल पहले टैक्स चोरी का एक केस दर्ज हुआ था। उसकी जांच करने ही इनकम टैक्स की तीन टीमें आई हैं, जिनमें 12 अफसर हैं। सभी अफसर अंसल के अलग-अलग ऑफिसों में जांच कर रहे हैं। टीमों ने ऑफिस के दो कर्मचारियों को पूछताछ के लिए रोक लिया है। बाकी कर्मचारियों को भी बिना इजाजत बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। यूपी में हाईटेक टाउनशिप पॉलिसी के तहत साल 2003 में अंसल को करीब 1335 एकड़ में टाउनशिप का लाइसेंस दिया गया था। पांच साल बीत जाने के बाद भी डेवलपर्स इसका विकास नहीं कर सके। इसके बावजूद 2008 में तत्कालीन सरकार ने टाउनशिप का दायरा बढ़ाकर 3530 एकड़ कर दिया। आरोप है कि डेवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने नियमों को ही बदल दिया।

टाउनशिप पॉलिसी के तहत केवल एक बार ही एक्सटेंशन मिल सकता था, लेकिन अंसल एपीआई को दूसरा एक्सटेंशन देते हुए टाउनशिप का दायरा साल 2012 में बढ़ा कर 6500 एकड़ कर दिया। 1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल स्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई। 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें रुपया लगाया। राजधानी लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत 5 राज्यों में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई। राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण दिल्ली ने 25 फरवरी को लखनऊ में अंसल को दिवालिया घोषित कर दिया था।
 
कंपनी पर एलडीए का 450 करोड़ रुपए बकाया है। दिवालिया घोषित होने के बाद एलडीए का पैसा भी फंस गया। एनसीएलटी ने अंसल कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया है। ऐसे में टाउनशिप की जमीन अंसल के अधिकार में नहीं रही। अंसल मामले को लेकर सीएम ने लखनऊ विकास प्राधिकरण और रेरा के अफसरों की बैठक बुलाई थी।

इसमें उन्होंने अंसल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एलडीए के अमीन ने गोमतीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मालिक पिता-पुत्र समेत 5 लोगों पर मुकदमा दर्ज करवाया था। इनमें अंसल प्रमोटर प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील गुप्ता, डायरेक्टर विनय सिंह और फेरन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन का नाम शामिल है।

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