कमलापुरी वैश्यजनों के राष्ट्रीय एकता का गढ़ बनेगा ‘गढ़वा’!
अभा कमलापुरी वैश्य महासभा का प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन 12 व 13 को
- झारखंड के गढ़वा जनपद में भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजन की तैयारी
- यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, बंगलौर, दिल्ली, मुंबई आदि राज्यों से पहुंचे रहे कमलापुरीजन
- युवा, युवतियां, बच्चे-बुजुर्ग, महिलायें-बेटियां सभी में उत्साह, एक मंच पर मिलन
- राष्ट्रीय महामंत्री व उनकी टीम लगातार कर रही जनसंपर्क, किये गये व्यापक इंतजाम
- बोले अभा कमलापुरी वैश्य महासभा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष, यूपी की बढ़ेगी भागीदारी
लखनऊ। इस बार 12 और 13 अप्रैल 2025 का यह दो दिवस देश-प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर निवासित करने वाले कमलापुरी वैश्यों के लिये एक ऐतिहासिक दिन बनेगा, साथ ही झारखंड का गढ़वा जनपद सभी कमलापुरी वैश्यजनों की राष्ट्रीय एकता का गढ़ बनने की ओर अग्रसर दिख रहा। दरअसल, उक्त दोनों तिथियों में अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ किया जा रहा है।
इस अधिवेशन में झारखंड राज्य के कमलापुरी जनों की पूरी भागीदारी के साथ ही यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मुंबई, दिल्ली, बंगलौर आदि राज्यों से भी बड़ी संख्या में युवा, युवक, युवतियां, महिलायें-बेटियां, बच्चे-बुजुर्ग आदि प्रतिभाग करने पहुंच रहे हैं। तैयारियों के बाबत राष्ट्रीय महामंत्री शैलेश कुमार गुप्ता ने तरूणमित्र टीम को जानकारी देते हुए बताया कि हमारी टीमें लगातार अधिवेशन में विभिन्न राज्यों व स्थलों से आने वाले कमलापुरी जनों और उनके प्रतिनिधियों से जनसंपर्क कर रही हैं और उसके तहत पूरी तैयारी की जा चुकी है।
बिहार के मधुबनी, पटना, दरभंगा, चैनपुर, छपरा और यूपी के लखनऊ राजधानी, कानपुर, बलरामपुर उतरौला, गोंडा गौरा चौकी, गौरा पांडे, सादुल्लानगर, अयोध्या नगरी, हथियागढ़, जौनपुर केराकत, वाराणसी, उन्नाव शुक्लागंज, मसकनवां, मनकापुर, गोरखपुर, बभनान, बस्ती, सिकंदरपुर बस्ती आदि से बड़ी संख्या में कमलापुरीजन पहुंच रहे हैं।
वहीं अभा कमलापुरी वैश्य महासभा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष जगप्रसाद गुप्ता ने कहा कि यूपी से बड़ी संख्या में लोग झारखंड के गढ़वा पहुंच रहे हैं और उनकी पूरी टीम की आस्था वर्तमान राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति है, और इस बार उत्तर प्रदेश में भी भागीदारी बढ़ने की प्रबल संभावना है ताकि आगे हमारे कमलापुरी समाज की सामाजिक व राजनीतिक ताकत बढ़ सके।
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