सपा सरकार में बिना परीक्षा बना दिए गए एसआई!
बीते 10 साल बाद भी 4200 ग्रेड पे नहीं
- महाकुम्भ और कोरोना में निभाई अहम भूमिका
लखनऊ। सशस्त्र पुलिस कर्मियों के साथ लगातार भेदभाव जारी है। जबकि वह नागरिक पुलिस की भांति ही अपने कर्तव्य पथ से पीछे नहीं हटते, फिर वह कोरोना महामारी का दौर हो या विश्व स्तरीय महाकुम्भ का आयोजन। सशस्त्र पुलिस के उप निरीक्षक दबी जुबां में 4200 ग्रेड पे का लाभ के लिए बाते करते देखे जा सकते हैं। पुलिसकर्मियों का यह भी कहना है कि नियमावली के कारण वह मीडिया के सामने खुलकर अपना दुखड़ा कह भी नहीं सकते। यही कारण है कि अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने और करने को तैयार नहीं है।
जानकारी के मुताबिक़ बीते 10 वर्षों में सशस्त्र पुलिस को 4200 ग्रेड पे का लाभ नहीं मिल सका है। सपा सरकार में नागरिक पुलिस के मुख्य आरक्षियों को तो बिना विभागीय परीक्षा के उपनिरीक्षक के पद पर प्रोन्नत करने के साथ 4200 ग्रेड पे दे दिया गया, लेकिन 1998 में सशस्त्र पुलिस में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए कर्मचारियों को उपनिरीक्षक बनने के बाद भी प्रोन्नत वेतनमान नहीं दिया गया है।
इस वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कई कर्मियों ने उच्चाधिकारियों को प्रत्यावेदन दिया है। वर्ष 1998 में आरक्षी पद पर भर्ती पुलिसकर्मियों को वर्ष 2008 में लिखित परीक्षा के बाद मुख्य आरक्षी नागरिक पुलिस और सशस्त्र पुलिस के पद पर प्रोन्नत किया गया था। इसके बाद वर्ष 2015 में राज्यपाल की अनुमति के बाद एक आदेश जारी हुआ, जिसमें सभी नागरिक पुलिस और सशस्त्र पुलिस के मुख्य आरक्षियों को प्रोन्नत वेतनमान और एक स्टार दिया गया।
हालांकि दिसंबर 2016 में बिना विभागीय परीक्षा के नागरिक पुलिस के मुख्य आरक्षियों को ग्रेड पे 4200 देकर उप निरीक्षक बना दिया गया। लेकिन उस समय सशस्त्र पुलिस के मुख्य आरक्षियों को न तो पदोन्नति दी गई और न ही प्रोन्नत वेतनमान दिया गया। वहीं, सशस्त्र पुलिस के मुख्य आरक्षियों को वर्ष 2022 में उपनिरीक्षक तो बनाया गया, लेकिन 4200 ग्रेड पे नहीं दिया गया। सूत्रों के मुताबिक इस वेतन विसंगति से करीब 325 कर्मचारी प्रभावित हैं।
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