Aadhaar Card रखने की दिक्कत खत्म, चेहरे की पहचान अब स्मार्टफोन से होगी

Aadhaar Card रखने की दिक्कत खत्म, चेहरे की पहचान अब स्मार्टफोन से होगी

नई दिल्ली। Aadhaar Card मतलब हमारे देश में जीवन का 'आधार' समझ लीजिए. पता है आप कहोगे भईया लल्लनटॉप एक ही लाइन कितनी बार चिपकाओगे. जनाब अच्छी चीजें बार-बार दोहराते रहना चाहिए. चलिए लाइन खींच ली अब खबर बताते हैं. दरअसल Aadhaar Card प्राइवेसी से जुड़ा एक बहुत जरूरी फीचर (New Aadhaar App) लॉन्च हुआ है. आधार कार्ड अब वाकई में पूरी तरह डिजिटल हो गया है. अब इसको अपने बटुए में रखकर चलने की जरूरत बिल्कुल ही नहीं पड़ेगी. आप कह सकते हैं कि वैसा तो अभी भी होता है. WhatsApp और DigiLocker में मिल जाता है. ठीक बात मगर जब चेहरे की पहचान करना हो तो.
 
New Aadhaar App
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नया आधार ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप की मदद से आम यूजर भी आधार का ऑथेंटिकेशन कर पाएंगे. माने  होटल, कॉलेज और दूसरी जगहों पर जहां भी आधार कार्ड की फोटोकॉपी देना पड़ती थी, वहां अब चेहरे की पहचान से काम होगा. एकदम वैसे ही जैसे आप और हम UPI पेमेंट करते हैं.
 
सर्र से फोन निकाला और फर्र से QR कोड स्कैन किया. इसी तरीके से न्यू आधार कार्ड ऐप से आपका चेहरा स्कैन करके आधार नंबर को सत्यापित किया जा सकेगा. आधार कार्ड का फेस ऑथेंटिकेशन फीचर यूज करने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में NEW Aadhaar App इंस्टॉल करना होगा. आधार कार्ड का फेस ऑथॉटिफिकेशन फीचर फिलहाल बीटा टेस्टिंग वर्जन में उपलब्ध है, आम लोगों को इसके यूज के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है.
 
अब आपके मन में सवाल होगा कि ऐसे तो कोई भी आपकी निजी जानकारी अपने स्मार्टफोन में देख पाएगा. नहीं दोस्त ऐसा नहीं होगा. आपके फिजिकल आधार कार्ड पर जितनी जानकारी लिखी होती है, बस वही स्क्रीन पर नजर आएगी. ऐप सिर्फ इतना बताएगा कि ये जानकारी असली है. आसान भाषा में कहें तो जैसे कई बार कई वेबसाइट से टेक्स्ट कॉपी नहीं होता. सब सामने होता है मगर ये वाला फीचर काम नहीं करता. New Aadhaar App में भी ऐसा ही होगा. आपके अंगूठे और उंगलियों के निशान, आंखों का स्कैन सेफ रहेगा. ऐप आपके चेहरे को आधार कार्ड से मिलान करके बस असली और नकली ही बताएगा.
 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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