महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ पर सेमिनार का आयोजन

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ पर सेमिनार का आयोजन

पूर्वी चंपारण । महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग द्धारा डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ विषयक एक सेमिनार का आयोजन किया गया।सत्र का नेतृत्व इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेस यूनिवर्सिटी हैदराबाद के प्रख्यात विद्वान डॉ. जय सिंह ने किया।डॉ. जय सिंह ने डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ के उभरते हुए क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानवीय अध्ययन में तकनीक की प्रासंगिकता और प्रभाव पर विस्तृत चर्चा की, और यह दर्शाया कि इसका ऐतिहासिक क्रम औद्योगिक क्रांति से लेकर आज के कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग तक कैसे फैला है।

उन्होंने मार्शल मैक्लुहान जैसे विचारकों का हवाला देते हुए कहा कि मशीनों के युग में मानव मन में गहरा परिवर्तन आया है। डॉ. सिंह ने मानव मस्तिष्क की तुलना हार्डवेयर से और मानव मन की तुलना सॉफ्टवेयर से की।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मनुष्य को AI और तकनीकी विकास के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए, अन्यथा AI मानव मन को नियंत्रित कर सकता है और पोस्ट-ह्यूमन युग में जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरण ग्रंथों के प्रचार-प्रसार और संरक्षण में उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन हमें मानविकी की मौलिक आत्मा को नहीं खोना चाहिए।

डॉ. सिंह ने AI का मानव मनोविज्ञान पर प्रभाव समझाने के लिए "प्लेसबो इफेक्ट" की अवधारणा का उपयोग किया। उन्होंने डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ में शोध की व्यापक संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला, जैसे शेक्सपियर पर तकनीकी अध्ययन, मानविकी और वीडियो गेम्स आदि। सेमिनार में अंग्रेज़ी विभाग के डॉ. बिमलेश कुमार सिंह, डॉ. कल्याणी हज़री, डॉ. उमेश, डॉ. बलांदे चंदोबा, और डॉ. दीपक ने भाग लिया। विभाग के शोधार्थियों और छात्रों ने डिजिटल ह्यूमैनिटीज़ पर वक्ता के साथ उत्साही और गहन संवाद किया।

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