सही फाइलों को रोका और गलत फाइलों को किया पास..28 एआरटीओ को नोटिस जारी!
बिना पंजीयन गाड़ी बेचने पर 51 डीलरों पर भी कार्रवाई
- ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की विभागीय समीक्षा में लापरवाही आई सामने
- वाहन पंजीकरण में लापरवाही करने पर 51 डीलरों को नोटिस
लखनऊ। पूरे प्रदेश में लगातार बढ़ती गाड़ियों की मांग और उनकी बिक्री कर मुनाफा कमाने की होड़ ने परिवहन कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई गई हैं। वाहन डीलरों ने बिना वाहन पंजीयन किये ही वाहन बेंच दिए। अब जब इसकी विश्लेषण हुआ तो मामला खुलकर सामने आ गया। परिवहन आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए 28 एआरटीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही 51 डीलरों को बिना पंजीयन ही गाड़ी ग्राहकों को देने के मामले में नोटिस जारी किया है। सूत्रों का कहना है ऐसे में वाहन डीलरों सहित अधिकारियों पर और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक परिवहन आयुक्त को इसकी शिकायत मिली थी। जिसके बाद उन्होंने मामले की गोपनीय जांच कराई। जांच में पता चला कि कई डीलरों ने बिना पंजीकरण वाहन स्वामियों को वाहन बेंच दिए हैं। इसके साथ ही वाहन पंजीयन के लिए जरूरी कागज अधूरे हैं। और जो कागज वेबसाइट पर अपलोड किये गए वह पढ़ने योग्य नहीं है। इसके अतिरिक्त एआरटीओ कार्यालय स्तर पर भी फाइलों की उचित निगरानी नहीं की गई, जिसके कारण पंजीकरण फाइलें लंबित रहीं। जिलों के परिवहन कार्यालयों की प्रशासनिक उदासीनता भी उजागर हुई है।
कई स्थानों पर एआरटीओ स्तर पर भी लापरवाही सामने आई है। जिसमे पंजीकरण फाइलों को जानबूझकर पास न करना, गलत और अधूरी फाइलों का पंजीयन कर देना शामिल है। परिवहन आयुक्त की नाराजगी पर 28 एआरटीओ अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं प्रदेश के 51 डीलरों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिनमें राजधानी लखनऊ का एक प्रमुख डीलर भी शामिल है। सभी डीलरों से 14 दिवस के भीतर जवाब देने को कहा गया है। यदि डीलर ऐसा नहीं करते हैं तो उनके ट्रेड सर्टिफिकेट को निलंबित कर दिया जायेगा। मामला गंभीर होने की दशा में लाइसेंस निरस्त भी हो सकता है।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप विभाग नागरिकों को समय से और बिना रुके सेवा देना है। किसी भी स्तर पर लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
परिवहन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि वाहन पंजीकरण से संबंधित सेवाएं आम नागरिकों से सीधे जुड़ी हैं और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न तो डीलर और न ही विभागीय स्तर पर स्वीकार्य होगी। विभागीय आदेशों के पालन में विफलता को गंभीरता से लेते हुए नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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