निजीकरण के विरोध में मध्यांचल मुख्यालय पर हुई विद्युत सुधार संगोष्ठी
लखनऊ। कार्यालय मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड गोखले मार्ग मुख्यालय पर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन उप्र और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के साथ संयुक्त रूप से निजीकरण के विरुद्ध विद्युत सुधार संगोष्ठी आयोजित किया गया। सभा के अध्यक्षता जूनियर इंजीनियर संगठन के मध्यांचल अध्यक्ष इं. डी.के. प्रजापति तथा लेसा ट्रांस के सचिव एस के विश्वकर्मा ने किया।
ऊर्जा सेक्टर के दो बड़े डिस्कॉम पूर्वांचल और दक्षिणांचल का निजीकरण से आम जनता और उपभोक्ता के ऊपर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ और प्रतिकूल प्रभाव पर चर्चा किए गए। सार्वजनिक क्षेत्र को निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से और उपभोक्ता,किसान,रोजगार के लिए तैयारी कर छात्र के शोषण पहुंचने के उद्देश्य से किए जा रहे निजीकरण की घोर निंदा सभी ने किए।
कार्यक्रम में राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के पूर्व अध्यक्ष और महासचिव इं.जय प्रकाश ने बताया कि देश अथवा प्रदेश के जिन स्थानों पर पूर्व में निजीकरण का प्रयोग किए गए वहां निजीकरण बुरी तरह असफल रहा, इसके प्रयोग से बिजली की दरे मंहगी होने के साथ ही सार्वजनिक सेक्टर में कार्य कर रहे विद्युतकर्मियों के सेवा शर्तों बुरी तरह प्रभावित हुए। उप्र पावर कार्पोरेशन लंबे अवधि का अनुबंध कर लगातार मंहगी बिजली खरीदकर आगरा में टोरंट एवं नोएडा में एनपीसीएल को दिए जाने से उप्र ऊर्जा सेक्टर की आर्थिक हानि कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
दोनों डिस्कॉम पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण से कर्मठ कर्मचारियों के सेवा शर्तों में भारी गिरावट के साथ भारी मात्रा में छठनी का सामना करना पड़ेगा। इं जी वी पटेल ने बताया कि ऊर्जा सेक्टर में टाइम ऑफ डे लागू हो जाने से उपभोक्ताओं को चुकाने होंगे अधिक बिल। संगठन के केंद्रीय महासचिव इं बलबीर यादव ने कहा कि निजीकरण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निजीकरण को रोकने के लिए आंदोलन और तेज होगा एवं इसके लिए जो भी कुर्बानी देनी होगी वह देंगे लेकिन विद्युत विभाग को बिकने नहीं देंगे।
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