दलित, आदिवासी, पिछड़ा व महिलाओं की लड़ाई हम लड़ेंगे : राहुल

बिहार में राहुल गांधी ने किया संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित

दलित, आदिवासी, पिछड़ा व महिलाओं की लड़ाई हम लड़ेंगे : राहुल

  • बेगूसराय में राहुल गांधी की पद यात्रा महज 24 मिनट में हुई समाप्त
  • राहुल कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको और नौकरी दो' यात्रा में शामिल होने आए थे

पटना। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश में अगर आप दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, अति पिछड़ा और महिला हो तो आप दोयाम दर्जे के हो। हम आपकी लड़ाई लड़ेंगे। वह सोमवार को बिहार की राजधानी पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बिहार प्रदेश कांग्रेस की टीम को साफ निर्देश दिया है कि आपको बिहार के गरीबों का नेतृत्व करना है। आपको गरीबों व दलितों को आगे बढ़ाना है। हम आपको राजनीति में लाकर बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं।

बिहार की भारतीय जनता पार्टी-जनता दल (यूनाइटेड) सरकार अरबपतियों के जरिए राजनीति चल रही है। अंबानी-अडाणी की राजनीति चल रही, उसको हम हराने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इस देश को राजनीतिक रूप से बिहार ने हमेशा रास्ता दिखाया है। अंग्रेजों के खिलाफ राजनीतिक बदलाव आया तो बिहार की जनता ने आवाज बुलंद की। हम सबसे जरूरी लक्ष्य संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। पहले प्रधानमंत्री मोदी 400 पार का नारा देते थे तो इंडिया गठबंधन सामने आया। रिजल्ट सबके सामने है। आपने लोकसभा चुनाव में संविधान को बचाने का काम किया। जहां भी मेरी जरूरत होगी, आप मुझे बुलाओ मैं हाजिर हो जाऊंगा। आपकी लड़ाई मेरी लड़ाई है। इससे पहले राहुल गांधी "पलायन रोको नौकरी दो यात्रा" में शामिल होने के लिए बेगूसराय के सुभाष चौक पर पहुंचे।

बेगूसराय में पदयात्रा महज 24 मिनट में खत्म हो गई। वह कन्हैया कुमार की 'पलायन रोको और नौकरी दो' यात्रा में शामिल होने आए थे। इसके बाद राहुल गांधी पटना के लिए रवाना हो गए। राहुल गांधी का बेगूसराय में 11 बजे से लेकर 11:45 बजे तक कार्यक्रम तय था। इस दौरान उन्हें पदयात्रा में शामिल होने के साथ ही नुक्कड़ सभा को भी संबोधित करना था, लेकिन राहुल तय समय से 4 मिनट पहले ही 11.41 बजे ही पटना के लिए रवाना हो गए। कपस्या चौक टाउनशिप गेट के पास होने वाली नुक्कड सभा क्यों रद्द की गई, अभी तक इसकी वजह सामने नहीं आ पाई है।

राहुल की पदयात्रा के दौरान करीब 10 हजार लोग मौजूद थे। राहुल गांधी को 6-7 डेलीगेट्स से मिलाने का भी प्लान था, लेकिन भारी भीड़ के कारण वो नहीं मिल सके। राहुल गांधी का चार महीने में यह तीसरा बिहार दौरा है। संविधान सुरक्षा सम्मेलन के संयोजक अनिल जय हिंद ने बताया, 'एक अप्रैल से सात अप्रैल तक जन्में महापुरुष, जो देश की आजादी के लिए लड़े हैं, उनको विशेष रूप से याद किया जाएगा। आजादी की लड़ाई में शामिल बुद्धु नोनिया की शहादत को याद किया जाएगा। बाबू जगजीवन राम की ऐतिहासिक योगदान के साथ साथ अमर शहीद प्रजापति रामचंद्र विद्यार्थी की जयंती पर भी उनका स्मरण होगा।

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