अखिल भारतीय किसान सभा ने मनाया अपना 89वां स्थापना दिवस
जींद । अखिल भारतीय किसान सभा ने शुक्रवार को अपने 89वें स्थापना दिवस के अवसर पर सुबे सिंह स्मारक में ध्वजारोहण किया। किसान सभा की स्थापना 11 अप्रैल 1936 को स्वामी सहजानंद सरस्वती के नेतृत्व में लखनऊ में हुई थी। किसानों के अधिकारों और हितों की रक्षा इसका मुख्य उद्देश्य है। इस मौके पर किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष फूलसिंह श्योकंद, वेदप्रकाश व अन्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
स्थापना दिवस पर किसान सभा के इतिहास, संघर्षों और उपलब्धियों को याद किया गया। ध्वजारोहण के दौरान एआईकेएस के नेताओं ने किसानों के सामने मौजूदा चुनौतियों जैसे फसल बीमा क्लेम में देरी, कर्ज का बोझ और उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर जोर दिया। फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य और कर्जमाफी जैसे मुद्दों पर सरकार को जवाबदेह ठहराने की जरूरत है। किसान सभा ने पुसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने की मांग को प्रमुखता दी है।
इस मौके कर्ज, सूखा और फसल नुकसान के कारण बढ़ती किसान आत्महत्याओं के खिलाफ आईकेएस ने कर्जमाफी और फसल बीमा जैसे मुद्दों को उठाया। हाल में किसान सभा लगातार सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहा है। इसके साथ-साथ बड़े कॉरपोरेट समूहों द्वारा कृषि क्षेत्र में बढ़ते हस्तक्षेप, जैसे अनुबंध खेती और बीज पेटेंट के खिलाफ संगठन सक्रिय है। छोटे और सीमांत किसानों के लिए पूर्ण कर्जमाफी और प्रभावी फसल बीमा योजनाओं की मांग को लेकर एआईकेएस प्रदर्शन करता रहा है। एआईकेएस ने न केवल नीतिगत बदलावों को प्रभावित किया बल्कि किसानों में सामूहिक चेतना और संगठन की भावना को भी मजबूत किया।
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