भीषण आगजनी और असमय बारिश से तबाह किसानों के लिए मुआवजे की माँग – राष्ट्रीय किसान मंच
सरकार को लिखा पत्र, जल्द कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
लखनऊ। राजधानी लखनऊ, कानपुर देहात, बरेली, हरदोई और सिद्धार्थनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हाल ही में असमय बारिश और भीषण आगजनी की घटनाओं ने किसानों को गहरा आघात पहुँचाया है। तैयार गेहूं की फसल जलकर राख हो गई, जिससे सैकड़ों किसानों की सालभर की मेहनत और उम्मीदें दोनों स्वाहा हो गईं। इस दोहरी आपदा ने किसानों को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है। इस पर राष्ट्रीय किसान मंच ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से तत्काल राहत कार्य शुरू करने और समुचित मुआवजा प्रदान करने की माँग की है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा, "किसान पहले ही असमय बारिश से बर्बाद हुई फसल के कारण परेशान थे और अब आगजनी ने उनकी स्थिति को और भी विकट बना दिया है। सरकार को युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू कर, प्रभावित किसानों को त्वरित और पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए ताकि वे इस संकट से उबर सकें।"
श्री दीक्षित ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राहत राशि फाइलों और प्रक्रियाओं के जाल में फँस कर न रह जाए, बल्कि पारदर्शिता और त्वरितता के साथ पीड़ित किसानों तक पहुँचे।
राष्ट्रीय किसान मंच ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और राहत आयुक्त को पत्र भी भेजा है, जिसमें तत्काल हस्तक्षेप और न्यायोचित मुआवजे की माँग की गई है। मंच ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो मंच जिले से लेकर राजधानी तक व्यापक आंदोलन करेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता। मंच ने यह भी माँग की है कि भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से बचाव हेतु ठोस नीति और किसानों की सुरक्षा के उपायों को प्राथमिकता दी जाए।
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