भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना के ताजा हालात!
By Tarunmitra
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नई दिल्ली। भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना, विशेष रूप से मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR), तेजी से प्रगति कर रही है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां और देरी भी देखने को मिली हैं। यह परियोजना भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना है, जिसे जापान की शिंकानसेन तकनीक और वित्तीय सहायता के साथ नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
निर्माण कार्य की स्थिति:
अप्रैल 2025 तक परियोजना का 44% कार्य पूरा हो चुका है। गुजरात में 53% और महाराष्ट्र में 25.6% प्रगति हुई है।
508 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे, जिनमें से सभी 8 स्टेशनों (वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा, अहमदाबाद, साबरमती) की नींव का काम पूरा हो चुका है।
342 किमी वायाडक्ट में से 298 किमी पाइल्स, 200 किमी पियर्स, और 64 किमी वायाडक्ट गर्डर्स का काम पूरा।
24 नदी पुलों में से 8 (पार, पूर्णा, मिंधोला, अंबिका, औरंगा, वेंगानिया, मोहर, धाधर) पूरे हो चुके हैं, जबकि नर्मदा, ताप्ती, माही, और साबरमती पर काम जारी है।
7 किमी लंबी भारत की पहली समुद्र के नीचे सुरंग (महाराष्ट्र में बीकेसी-शिलफाटा के बीच) का निर्माण शुरू हो चुका है।
सूरत और आनंद में जे-स्लैब बैलास्टलेस ट्रैक सिस्टम की दो निर्माण सुविधाएं कार्यरत हैं।
प्रथम चरण और समय सीमा:
पहला चरण सूरत-बिलिमोरा (गुजरात) के बीच 2026 में शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें ट्रायल रन भी शामिल है।
पूर्ण कॉरिडोर (मुंबई-अहमदाबाद) का संचालन 2027 तक शुरू होने का अनुमान है, क्योंकि पहले की समयसीमा (2022 और 2023) कोविड-19, भूमि अधिग्रहण, और निविदा देरी के कारण टल गई।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह परियोजना 2026 तक सूरत-बिलिमोरा खंड में शुरू हो जाएगी।
ट्रेन और तकनीक:
ट्रेनें जापान की E5 शिंकानसेन सीरीज पर आधारित होंगी, जिनकी अधिकतम गति 350 किमी/घंटा और परिचालन गति 320 किमी/घंटा होगी।
प्रत्येक ट्रेन में 731 सीटें होंगी, जिसमें 698 मानक और 55 बिजनेस श्रेणी की सीटें शामिल हैं। सुविधाओं में स्तनपान कक्ष, शिशु शौचालय, व्हीलचेयर के लिए विशेष शौचालय, और गर्म पानी वाले पश्चिमी शैली के शौचालय शामिल होंगे।
हालाँकि, जापान से ट्रेन आयात को लेकर बातचीत धीमी हो गई है, क्योंकि कीमत और रखरखाव लागत पर सहमति नहीं बन पाई। भारत अब मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेन (वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर) विकसित करने पर ध्यान दे रहा है।
लागत और वित्तपोषण:
परियोजना की अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये थी, लेकिन देरी और अन्य कारकों के कारण यह 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।
81% लागत (लगभग 88,000 करोड़ रुपये) जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से 0.1% ब्याज दर पर 50 वर्षीय सॉफ्ट लोन के रूप में ली गई है, जिसमें 15 वर्ष की रियायती अवधि शामिल है।
भूमि अधिग्रहण:
गुजरात, महाराष्ट्र, और दादरा नगर हवेली में 100% भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है। पहले महाराष्ट्र में देरी हुई थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी हो गई है।
देरी के कारण:
कोविड-19 महामारी, भूमि अधिग्रहण में देरी (विशेष रूप से महाराष्ट्र में), और निविदा प्रक्रिया में विलंब ने परियोजना को प्रभावित किया।
महाराष्ट्र में पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार को देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। जापान के साथ ट्रेन आयात पर बातचीत धीमी होने और जापान में सरकार बदलने से भी अनिश्चितता बढ़ी।
हादसे:
नवंबर 2024 में गुजरात के आनंद में माही नदी पर निर्माणाधीन पुल ढहने से एक मजदूर की मृत्यु हो गई और दो अन्य फंस गए थे। इस घटना ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
सार्वजनिक आलोचना:
कुछ लोग इस परियोजना को महंगा और अव्यवहारिक मानते हैं, और समयसीमा में बार-बार बदलाव के कारण इसे "झांसा" कहते हैं।
अन्य कॉरिडोर
सात अन्य हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर, वाराणसी-हावड़ा, दिल्ली-अमृतसर) के लिए सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
स्वदेशी बुलेट ट्रेन
भारत वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर 280 किमी/घंटा की गति वाली स्वदेशी बुलेट ट्रेन विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसका निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई) और BEML द्वारा किया जाएगा।
आर्थिक प्रभाव
यह परियोजना मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा, आनंद, और अहमदाबाद को एक आर्थिक क्षेत्र में जोड़ेगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, विशेष रूप से गुजरात में, लेकिन महाराष्ट्र में काम धीमा रहा है। 2026 में सूरत-बिलिमोरा खंड पर ट्रायल रन और 2027 तक पूर्ण कॉरिडोर शुरू होने की उम्मीद है। जापान के साथ आयात वार्ता में अनिश्चितता और लागत वृद्धि चुनौतियां हैं, लेकिन भारत स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेन विकसित करने की दिशा में भी बढ़ रहा है। यह परियोजना भारत के रेल नेटवर्क और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बशर्ते इसे समयबद्ध और सुरक्षित रूप से पूरा किया जाए।
कुछ सोशल मीडिया दावे भी हैं (जैसे जापान का ट्रेन आपूर्ति से इनकार) असत्यापित हैं, और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि नही की जा सकती है।
Tags: bulet train india
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