दावों को प्रसारित करने में नगर पालिका विभाग ने स्थापित किया कीर्तिमान!

लेकिन दावों में आधी हकीकत आधा फसाना

दावों को प्रसारित करने में नगर पालिका विभाग ने स्थापित किया कीर्तिमान!

प्रतापगढ़। नगर पालिका परिषद बेला प्रतापगढ़ का विभाग अन्य विभागों की अपेक्षा प्रचार प्रसार में इन दिनों अव्वल रहा। इस विभाग द्वारा पिछले हफ्ते में तीन बार 24 ,26 और 28 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से शहर वासियों को उनके सुविधाओं के दृष्टिगत किए गए कार्यों को अवगत कराने और अपनी पीठ खुद थपथपाने की भरपूर कोशिश की गई। अलग-अलग उक्त तारीखों में लगभग वही मैटर प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि नालों नालियों की साफ सफाई का कार्य, सिल्ट का निस्तारण, नालियों में रसायनिकों का छिड़काव, समस्त वार्डों में रोस्टर के अनुसार फागिंग कार्य ,अतिक्रमण मुक्त की कार्यवाही, टंकियों की सफाई, हैंड पंप, वाटर कूलर एवं स्ट्रीट लाइटों के मरम्मत कार्यों का ज़िक्र किया गया जिसकी जमीनी हकीकत का उल्लेख फोटो सहित *तरुण मित्र *के 26 अप्रैल के अंक में प्रकाशित किया गया था। मजेदार बात तो यह रही कि उसी दिन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने अपने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया कि शहर में लगभग 1112 इंडिया मार्का-2 हैंड पंप लगाए गए हैं प्रत्येक दिवस 5 से 6 इंडिया मार्का-2 हैंड पंप मरम्मत /रीबोर का कार्य कराया जा रहा है जबकि यह कार्य गर्मी के शुरू होने के पूर्व नगर पालिका द्वारा करवा लेना चाहिए था। इस बाबत नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी से *तरुण मित्र* द्वारा सोमवार को जानने की कोशिश दिन में दो बार की गई कि 1112 इंडियामार्का-2  हैंड पंप में कितने चालू स्थिति में थे और कितने खराब रहे। खराब रहे हैंड पंप में कितनों की मरम्मत रिपोर्ट का कार्य अब तक कराया जा चुका है इस पर उन्होंने उत्तर दिया कि देखकर बताएंगे।अधिशासी अधिकारी के इस उत्तर से उनके कार्यों का सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह विभागीय कार्यों के प्रति कितने सजग और गंभीर हैं। इससे जाहिर होता है की मीटिंग में पेश किए गए आंकड़े अथवा शासन को भेजे जाने वाले आंकड़े कागज में कुछ और होते हैं , पर जमीनी हकीकत को बयां कर रही है यह दो हैंड पंप मार्का-2 की तस्वीरें जो खराब स्थिति में है । पहला हैंडपंप भंगवा चुंगी के निकट पुलिस चौकी के बगल की है और दूसरी तस्वीर भंगवा की चुंगी से कचहरी मार्ग पर बलीपुर स्थित मस्जिद के निकट की है जो शहर के मध्य मुख्य मार्ग पर स्थित है जहां मुसाफिरों का आवागमन बराबर बना रहता है लेकिन इस भीषण गर्मी में ऐसे तमाम हैंडपंप शोपीस बनकर रह गए और राहगीर भी प्यासे रह जाते हैं और सरकार की नीतियों को कोसते हैं।देखा जाए तो ऐसे अधिशासी अधिकारी प्रचार प्रसार के माध्यम से शहर वासियों को झूठा दिलासा आखिर कब तक दिलाते रहेंगे या यूं कहा जाय कि नगरपालिका के दावों में आधी हकीकत है तो आधा फ़साना भी है।

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