ग्रामीण कौशल योजना केवल कागजों में : राहुल
कहा- 25 में मात्र 3 को मिला रोजगार
संजय मौर्य
- केंद्रीय योजनाओं में हीलाहवाली-गलत
- नेता प्रतिपक्ष का केंद्र-राज्य सरकार पर हमला, जताई नाराजगी
- जल जीवन मिशन के दावों पर भी राहुल ने पानी फेरा
- कहा, लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा पेयजल
- टीमें गठित कर सच सामने लाने का दिया निर्देश
रायबरेली। नेता प्रतिपक्ष एवं सांसद राहुल गांधी ने कई केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती जा रही लापरवाही और गलत रिपोर्टिंग पर नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार पर करारा वार किया। खुद के सैम्पल सर्वे का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में योजना में 25 में से मात्र 3 प्रशिक्षार्थी ही सेवायोजित पाए गए। यह योजना पूरी तरह फ्लॉप है। इस योजना का सर्वे कराकर सच सबके सामने रखिए। अपनी अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के बचत भवन में मंगलवार को 11:30 बजे शुरू हुई जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में राहुल गांधी ने एजेंडे के बिंदु संख्या-4 की चर्चा शुरू होते ही कहा कि ग्रामीण कौशल्य योजना में 1107 बेरोजगारों को ट्रेनिंग के बाद सेवायोजित करने का दावा किया गया है। हमने 25 सेवायोजित लोगों का सैंपल सर्वे किया। इसमें केवल तीन ही सेवायोजित पाए गए।
आठ लाभार्थियों ने कहा कि उन्हें ट्रेनिंग के बाद कोई प्लेसमेंट नहीं मिला। 12 ने जवाब दिया कि पहले काम कर रहे थे, अब काम नहीं कर रहे हैं। एक व्यक्ति ने माना कि उसे कभी ट्रेनिंग ली ही नहीं। सूची में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि कोविड के दौरान ट्रेनिंग छूट गई थी। राहुल गांधी ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन की गलत रिपोर्ट गंभीर विषय है। आंकड़ों और जमीनी सच्चाई में काफी अंतर है। यह योजना का फेलियर है। लिस्ट के आधार पर सभी लाभार्थियों का सर्वे फिर से कराइए। कितनों को ट्रेनिंग मिली? कितने प्लेस हुए? कितने वर्तमान में नौकरी कर रहे हैं? या बेरोजगार हो गए हैं? सच सामने आना चाहिए।
डीएम हर्षिता माथुर ने अशिष्ट किया कि हम सर्वे करा कर अगली मीटिंग में वास्तविक आंकड़े रखेंगे। सांसद राहुल गांधी ने इसी तरह जल जीवन मिशन की गलत रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए। जल जीवन मिशन के कार्यदायी विभाग जल निगम ग्रामीण ने जनपद में 182 पेयजल योजनाओं के पूरी तरह से क्रियाशील होने का दावा किया था श्री गांधीनगर कहा कि सैंपल सर्वे में कई पेयजल योजनाएं घरों तक पानी पहुंचाने में फेल है कहीं पाइप लाइन में लीकेज है और हजारों घरों में अभी कनेक्शन ही नहीं पहुंचे हैं उन्होंने कहा कि पिछली मीटिंग में जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनाकर जांच के लिए कहा गया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ अब अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त जांच समिति बनाकर पेयजल योजना का सत्यापन कराया जाए।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 15 महीने पहले मार्च '2024 में रायबरेली के एक कार्यक्रम में रायबरेली-लालगंज को फोरलेन, लालगंज में 2 किलोमीटर लंबा नया बाईपास और बछरावां में 158 करोड़ रुपए की लागत से 6 किलोमीटर लंबा बाईपास बनाने की घोषणा की थी। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दिशा की मीटिंग में पूछा-' केंद्रीय मंत्री के कमिटमेंट का स्टेटस क्या है? डीएम ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मौजूद परियोजना निदेशक से स्थिति से अवगत कराने को कहा तो परियोजना निदेशक बगलें झांकने लगे।
उन्होंने कहा इन मार्गों के बारे में हमें अभी कुछ नहीं पता। उनका बचाव करते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई मंजूरी के संबंध में मेरे पास पत्र आए हैं। क्या आपको नहीं मिले? दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह की मांग पर ही इस राजमार्ग और बाईपास की घोषणा की थी।
टिप्पणियां