दांतों की पीछे की भराव तकनीकों की आधुनिकता को जाना
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पीडियाट्रिक एवं प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग द्वारा मंगलवार को पोस्टीरियर रेस्टोरेशंस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य छात्रों और डॉक्टरों को दांतों की पीछे की भराव तकनीकों की आधुनिक जानकारी और व्यावहारिक अनुभव देना था। इस कार्यशाला की मुख्य वक्ता थीं डॉ. प्रियंका जैन सिक्का, जो डेंटल मटेरियल्स में पीएच.डी. हैं और वर्तमान में थ्रीएम ओरल केयर में उत्तर और पूर्व भारत की क्लिनिकल स्पेशलिस्ट के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. सिक्का ने बताया कि क्लिनिकल प्रैक्टिस में पोस्टेरियर रेस्टोरेशन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-जैसे मटेरियल का सही चुनाव, लेयरिंग तकनीक, और भराव के बाद सही फिनिशिंग और पॉलिशिंग कैसे करें। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार सिंह, प्रोफेसर डॉ. अफरोज़ आलम अंसारी, प्रोफेसर डॉ. ऋचा खन्ना, तथा विभाग के वरिष्ठ और कनिष्ठ रेज़िडेंट्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। डॉ. राजीव कुमार सिंह ने कहा, "ऐसी कार्यशालाएं छात्रों के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। इससे उन्हें क्लासरूम से बाहर निकलकर असली क्लिनिकल चुनौतियों को समझने और सुलझाने का अवसर मिलता है।"
डॉ. अफरोज़ आलम अंसारी ने कहा, "डॉ. सिक्का ने जिस सरल और प्रभावशाली तरीके से कॉम्पोज़िट रेस्टोरेशन के सिद्धांत और तकनीक समझाए, वह काबिल-ए-तारीफ है। इस तरह के सत्र छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।"
डॉ. ऋचा खन्ना ने कहा, "डॉ. सिक्का की प्रस्तुति बहुत व्यावहारिक और अद्यतन थी। उन्होंने नए मटेरियल्स और तकनीकों को जिस तरह से स्पष्ट किया, वह छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए लाभकारी रहा।"
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