मंडलायुक्त से भिड़ी महिला, एलडीए अफसरों पर गंभीर आरोप!
महिला का आरोप कमिश्नर ने कमरे से निकाला, वीसी हुए नाराज
- बोली पीड़िता, नेहरू एन्क्लेव में पार्क व फुटपाथ पर अवैध कब्जा
लखनऊ। स्मार्ट सिटी ऑफिस में मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने मंगलवार को लोगों की समस्या सुनीं। इस दौरान गोमतीनगर के नेहरू एन्क्लेव से समस्या लेकर आई महिला उनसे भिड़ गई। उसकी एलडीए अधिकारियों से भी बहस हुई। शिकायत लेकर आई महिला डॉ. अंजू ने एलडीए अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अधिकारी चोरों से मिले हुए हैं। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार मंडलायुक्त स्मार्ट सिटी आॅफिस में जनता से जुडी समस्याएं सुन रही थी। इस दौरान गोमतीनगर के नेहरू एन्क्लेव में रहने वाली महिला डॉ अंजू मंडलायुक्त के पास पहुंची। उन्होंने अपनी समस्या बताई। मंडलायुक्त ने एलडीए के अधिकारियों से मिलकर शिकायत करने को कहा, इस पर महिला भड़क गई। महिला ने एलडीए के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान एलडीए वीसी भी स्मार्ट सिटी आॅफिस में मौजूद थे। महिला को शोर करता देख मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई। वहीं एलडीए वीसी ने भी महिला के आरोपों का विरोध किया।
महिला का कहना है कि वह नागरिक सुविधा दिवस पर समस्याओं को लेकर पहुंची थी। नेहरू एन्क्लेव में अवैध तरीके से लोग रह रहे हैं। पार्क और फुटपाथ पर अवैध कब्जा है। लोगों ने गलत तरीके से आरडब्ल्यूए बना लिया है। एलडीए के इंजीनियर पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह काम करने का दावा करते हैं, लेकिन काम में लापरवाही करते हैं। अब तक एक भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
अंजू का आरोप है कि सोसाइटी में बाउंड्री वॉल नहीं थी। इसका टेंडर किया गया, लेकिन काम पूरा नहीं किया गया। पार्क का टेंडर हुआ, लेकिन 10 लाख का काम नहीं हुआ। 35 साल से अवैध कब्जा बना हुआ है। महिला ने कमिश्नर पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मंडलायुक्त ने उन्हें धमकी दी है।
वहीं वसंतकुंज से भी कुछ लोग शिकायत लेकर मौके पर पहुंचे थे। उनका कहना है कि सेक्टर-ए में 2022 में लॉटरी से भूखंड आवंटित होने के बाद एलडीए ने उसे रद्द कर दिया, सभी आवंटी नाराज हैं। आवंटियों का आरोप है कि उन्होंने अपना पूरा पैसा इस योजना में लगा दिया, लेकिन अब आवंटन ही रद्द कर दिया गया। गौरतलब है कि एलडीए की वसंतकुंज सेक्टर-अ योजना कैंसिल कर दी गई थी। एलडीए ने दो साल पहले इस योजना में 72 से 200 वर्गमीटर के कुल 275 प्लॉटों के लिए रजिस्ट्रेशन खोला था। पांच हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन आये थे। लॉटरी से 275 लोगों को प्लॉट आवंटित भी किए गए थे। आवंटियों से पूरी रकम भी वसूल ली गई थी।
लेकिन,एलडीए ने जिस जमीन पर प्लॉटिंग की थी, वह जमीन एलडीए द्वारा खरीदी ही नहीं गई थी। जमीन पर किसानों का कब्जा है। दो साल तक आवंटियों का पैसा एलडीए के पास जमा रहा। अब उन्हें पत्र भेजकर बताया जा रहा कि प्लॉट नहीं मिल सकता। ब्याज समेत पैसा वापस ले जाइए। पूरे मामले को लेकर मंडलायुक्त और एलडीए वीसी से उनके सीयूजी नंबर पर सम्पर्क किया गया लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
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