मोदी ने बिथान-समस्तीपुर रेल सेवा को दिखाई हरी झंडी

आजादी के बाद पहली बार रेल सेवा की शुरुआत

मोदी ने बिथान-समस्तीपुर रेल सेवा को दिखाई हरी झंडी

  • रेल सेवा शुरू होने से मिथिलांचल में भरेगा विकास रफ्तार

पटना/मधुबनी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी से बिथान-समस्तीपुर के बीच रेल सेवा को आज (गुरुवार) हरी झंडी दिखायी। आजादी के बाद पहली बार बिथान से ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई है। इससे इलाके में जश्न का महौल है। उधर रेल लाइन के शुरू होने से मिथिलांचल में विकास रफ्तार भरेगा। बिथान में आवागमन की सुविधा सुलभ नहीं होने के कारण इस इलाके के लोगों को बाढ़ के दौरान हसनपुर आने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा था।

हसनपुर-सकरी के बीच 79 किलोमीटर रेल परियोजना पर पिछले 50 साल से काम चल रहा है। हाल ही में रेलवे ने पक्षी विहार के कारण 50वें साल में जाकर कुशेश्वर पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन का रूट बदल दिया है। हसनपुर से बिथान करीब 11 किलोमीटर रेल लाइन पिछले वर्ष ही बन कर तैयार हो गया था। सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान ट्रेन चलाने की अनुमती भी प्रदान कर दी थी।

लेकिन ट्रेन सेवा शुरू नहीं हो पाई थी। बीथान-हसनपुर रेलवे लाइन की वर्ष 1951 में योजना के लिए जांच की गई थी। वर्ष 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं हो सकेगा। वर्ष 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की थी। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई। वर्ष 1997 में रेल मंत्री रहे रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिये जरूरी बताते हुए पुन: फाइल खोली और फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास भी किया।

इस इलाके में रेलवे लाइन के बनने से आवागमन सुलभ होने से विकास की गति तेज होगी। चूंकि यह इलाका बाढ़ प्रभावित है। साल में छह महीना इस इलाके के लोग बाढ़ की पीड़ा झेलते हैं। लोगों के आवागमन की सुविधा सिर्फ नाव से ही रहती है। उधर रामविलास पासवान के रेल मंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली।

लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर इस योजना को फंड मिलना शुरू हुआ। लेकिन दिसंबर 2008 में दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ दीगंबर ठाकुर द्वारा कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन के निर्माण पर रोक लगा दी गई। इस योजना के पूरा होने पर मिथिलांचल के इस इलाके में विकास के द्वारा खुलेंगे। वहीं कोसी व मिथिलांचल की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन से समस्तीपुर के अलावा खगड़िया व दरभंगा के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर दक्षिण बिहार के लोगों को मिथिलांचल में आना आसान होगा।

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