केजीएमयू में मदरसा, दुकानें सहित 40 झुग्गियां ढहाई गई
परिसर बना छावनी, नगर निगम की टीमें हटवा रही मलबा
लखनऊ। केजीएमयू में रविवार को लगातार दूसरे दिन अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। यहां अवैध रूप से 2 साल से मदरसा चल रहा था। उसे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। 12 दुकानें और 40 झुग्गियां भी तोड़ दी गई हैं। ये अवैध निर्माण जिस मजार के आसपास थे, उसके सेवादार अतीक अहमद ने बताया कि 646 साल पुरानी मजार को सुरक्षित छोड़ दिया गया है। मजार से सटकर बने अन्य अवैध निर्माण भी तोड़े जा रहे हैं। नगर निगम की टीमें मलबे को हटवा रही हैं।
मौके पर करीब 60 पुलिसकर्मी तैनात हैं। यूनिवर्सिटी के 80 सुरक्षाकर्मी भी डटे हैं। गेट नंबर-1 और नेत्र रोग विभाग के रास्ते को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक़ शनिवार को अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया था। दुकानदारों ने पुलिस के सामने ही केजीएमयू के प्रोफेसर और रेजिडेंट डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें 2 प्रोफेसर, 1 असिस्टेंट प्रोफेसर और 1 रेजिडेंट डॉक्टर घायल हो गए थे। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया। उसके बाद मौके पर कई थानों की पुलिस और एक कंपनी पीएसी बुला ली गई। बड़ी मशक्कत के बाद लोगों ने किसी तरह अतिक्रमण से अपने सामान निकाले। उसके बाद शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक अवैध निर्माणों को तोड़ा।
डॉक्टरों का कहना है कि अवैध रूप से बनी दुकानों को हटाने के लिए 6 माह से नोटिस दिया जा रहा था। इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटा। यूनिवर्सिटी की जमीन पर किसी भी तरह का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुलडोजर लगातार चल रहा है। लगभग सारे अवैध निर्माण ढहा दिए गए हैं। वहीं मजार के पास की दीवार गिरा दी गई है। यह दीवार मजार परिसर में बने टॉयलेट की थी। केजीएमयू प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि मजार को नहीं छुआ जाएगा।
केजीएमयू स्थित मजार की देखरेख करने वाले अतीक अहमद हैं। इनका कहना है सामने मदरसे में यहीं के बच्चे पढ़ते और नमाज सीखते थे। परिसर में बने अवैध मदरसे को ध्वस्त करने के बाद मलबा इकट्ठा किया जा रहा है। मलबा ढोने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली और डंपर की मदद ली जा रही है। एसीपी राजकुमार सिंह सहित अन्य पुलिस के अधिकारी मौके पर हैं। मजार की बाउंड्री को छोड़कर करीब पूरा अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया गया है। अन्य निर्माणों का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।
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