एसआरएन के न्यूरोलॉजी विभाग में अत्याधुनिक मशीन से इलाज शुरू
प्रयागराज। प्रयागराज में पहली बार जटिल मानसिक और न्यूरोलॉजिकल रोगों के इलाज के लिए अत्याधुनिक मशीन द्वारा उपचार की सुविधा शुरू की गयी है। यह सुविधा न केवल प्रयागराज बल्कि आसपास के 10-12 जिलों के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। स्वरूपरानी अस्पताल में 26-27 अप्रैल को दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं चिकित्सकों को अत्याधुनिक उपचार विधि से परिचित कराना था। वर्कशॉप का आयोजन न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अभिषेक प्रताप सिंह एवं डॉ कमलेश कुमार सोनकर के मार्गदर्शन में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डॉ वत्सला मिश्रा, प्रमुख अधीक्षक डॉ अजय सक्सेना, डॉ मोहित जैन, डॉ वी.के सिंह आदि उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता केजीएमयू के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ सुजीत कुमार ने बताया कि यह एक नॉन इनवेसिव तकनीक है, जिसमें मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्सों पर चुम्बकीय तरंगों द्वारा हल्के उत्तेजना के माध्यम से उपचार किया जाता है। यह तकनीक उपचार प्रतिरोधी अवसाद, ओसीडी, पीटीएसडी, माइग्रेन, स्ट्रोक तथा अन्य मानसिक और न्यूरोलॉजिकल विकारों में अत्यधिक प्रभावी सिद्ध हुई है। यह तकनीक मानसिक रोगों एवं न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचार में विशेष उपयोगी है और बिना औषधीयों के दुष्प्रभावों के रोगियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह एक सेफ और नॉन इनवेसिव प्रक्रिया है। लेकिन इसे प्रशिक्षित मनोचिकित्सक या न्यूरोलॉजिस्ट की निगरानी में ही करना चाहिए।
स्वरूपरानी अस्पताल के मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉ वी.के सिंह ने बताया कि वर्कशॉप के प्रथम दिन यानि 26 अप्रैल को मशीन की थ्योरी और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा की गई। जबकि आज ‘‘हैंड्स ऑन’’ वर्कशॉप के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इस वर्कशॉप में डॉ कमलेश सोनकर, डॉ अभिषेक प्रताप सिंह, डॉ अनुराग वर्मा, डॉ अर्चना ओझा, डॉ सन्तोष कुमार केशरवानी सहित अन्य चिकित्सकों ने सक्रिय भागीदारी की। इस दौरान डॉ उत्कर्ष टण्डन, डॉ अम्बुज तिवारी, डॉ ईशदत्त पाण्डेय, डॉ संदीप, डॉ सचिन सिंह, डॉ वरूण त्रिपाठी, डॉ नवीन कुमार सहित अन्य सहायक स्टॉफ उपस्थित रहे।
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