देश सबसे अहम, धर्म और भाषा बाद में: कांग्रेस

खरगे ने सर्वदलीय बैठक में  मोदी के न आने पर उठाए सवाल

देश सबसे अहम, धर्म और भाषा बाद में: कांग्रेस

  • पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिया समर्थन
  • हम सभी को मिलकर देश के कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए
  • सिंधु जल संधि को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को पूरा समर्थन दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इस समर्थन का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, सभी को विश्वास में लेकर आगे बढ़ना चाहिए। बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें से दो कर्नाटक के थे। खरगे ने कहा कि देश सबसे महत्वपूर्ण है और सभी को मिलकर इसकी रक्षा के लिए लड़ना और इसके कल्याण के लिए काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुरुवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में शामिल न होना ठीक नहीं था।

उन्होंने कहा कहा, यदि वह (मोदी) बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी में बोलने के स्थान पर आपको यह बताना चाहिए था कि यह आतंकी हमला कैसे हुआ।एक सवाल के जवाब में खरगे ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि उन्हें (प्रधानमंत्री को) सर्वदलीय बैठक में आना चाहिए था। उनका नहीं आना ठीक नहीं है... देश सबसे महत्वपूर्ण है, धर्म और भाषा बाद में आते हैं। इसलिए हम सभी को देश के लिए मिलकर लड़ना चाहिए। मैंने कई बार कहा है कि हम सरकार के साथ खड़े हुए हैं।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, हम समर्थन देंगे। इसका सही तरीके से उपयोग करें। यदि वे (केंद्र सरकार) सभी को विश्वास में लेकर चलेंगे तो आगे के कदम आसान होंगे। लेकिन एक-दूसरे की आलोचना करते रहना उचित नहीं होगा। खरगे ने आगे कहा, कुछ लोग पहले से ही आलोचना शुरू कर चुके हैं, जो सही नहीं है। बैठक में जो चर्चा हुई, उसे लेकर हमने अपनी बात रखी।

कुछ लोग अलग-अलग अर्थ निकाल कर बोल रहे हैं, जो ठीक नहीं है... देशहित में बैठक में हुई हर बात सार्वजनिक नहीं की जा सकती। मैं रहूं या चला जाऊं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी रहें या न रहें, लेकिन देश रहेगा। पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के भारत के फैसले पर खरगे ने कहा कि अगर आप (सरकार) पानी रोकने का फैसला करते हैं, तो आप इसका भंडार कहां करेंगे? क्या हमारे पास ऐसे बांध हैं? लेकिन ये सवाल बाद में उठेंगे, अभी नहीं।

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