नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ आरोप-पत्र किया दाखिल
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्डरिंग के आरोप में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने नौ अप्रैल को दाखिल आरोप-पत्र की संज्ञान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पड़ताल की और सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की।
आरोप-पत्र में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम भी आरोपी के तौर पर शामिल हैं। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मौजूदा अभियोजन शिकायत को संज्ञान के पहलू पर विचार के लिए अगली बार 25 अप्रैल, 2025 को इस अदालत के समक्ष रखा जाएगा, जब ईडी और जांच अधिकारी (आईओ) के विशेष वकील अदालत के अवलोकन के लिए केस डायरी भी प्रस्तुत करेंगे।
गुरुग्राम जमीन मामले में रॉबर्ट वाड्रा से ED ऑफिस में पूछताछनेशनल हेराल्ड मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत में हो रही है। यह शिकायत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी , राहुल गांधी , उनकी सहयोगी कंपनियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दायर की थी। वहीं, दूसरी ओर गुरुग्राम जमीन मामले में आज प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से ईडी ऑफिस में पूछताछ की गई।
सभी एजेंसियां भाजपा की फ्रंटल बन गई हैं- सुप्रिया श्रीनेतकांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को ED कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर कहा, “ED, CBI, इनकम टैक्स का अब कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि ये सभी एजेंसियां भाजपा की फ्रंटल बन गई हैं। जैसे उनके पास भारतीय युवा मोर्चा है, वैसे ही भाजपा ED है, भाजपा CBI है और भाजपा इनकम टैक्स विभाग है। न केवल रॉबर्ट वाड्रा बल्कि हमारे राजस्थान के नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है। अगर ED के पास सबूत हैं, तो ED 11 साल से क्या कर रही थी, ED की सजा दर क्या है? 2014 के बाद, ED के 95% मामले विपक्ष के खिलाफ दर्ज किए गए लेकिन वह उन्हें दोषी नहीं ठहरा पाई, सबूत नहीं जुटा पाई। यह 20 साल पुराना मामला है, सारे सबूत, प्रमाण आपके पास हैं, आप उन्हें बार-बार बुलाकर क्या साबित करना चाहते हैं?
हरियाणा के मंत्री महिपाल ढांडा ने ED द्वारा कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को तलब किए जाने पर कहा, “ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं, इनके पास कुछ इनपुट होगा और उसी इनपुट के आधार पर ये एजेंसियां काम करती हैं। ये कांग्रेस की सरकार नहीं है जिसने सभी एजेंसियों को पंगु बना रखा था। जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे(कांग्रेस) कैसे उन्हें प्रताड़ित करते थे, लेकिन उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा। अब भाजपा सरकार पूरी निष्पक्षता के साथ काम कर रही है। 2004 से 2014 तक कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए घोटालों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे, भाजपा भी सड़कों पर उतरी। हमने कहा कि इनकी ईडी, सीबीआई जांच होनी चाहिए, उन्होंने केस दर्ज किए और उन्हें लगा कि राज उनका ही है जैसा चाहेंगे वैसा फैसला करा लेंगे लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आकर एजेंसियों को स्वतंत्र कर दिया।
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