विश्व हीमोफीलिया दिवस पर SGPGI में “हीमोफीलिया अपडेट 2025” का आयोजन
लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के हेमटोलॉजी विभाग ने विश्व हीमोफीलिया दिवस की पूर्व संध्या पर “हीमोफीलिया अपडेट 2025” का सफल आयोजन किया। यह वार्षिक दिवस, जो 17 अप्रैल को विश्व भर में मनाया जाता है, दुर्लभ वंशानुगत रक्तस्राव विकार हीमोफीलिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने और बेहतर उपचार व देखभाल की आवश्यकता को रेखांकित करने का अवसर प्रदान करता है।
इस वर्ष की थीम “सभी के लिए हीमोफीलिया देखभाल की पहुंच - महिलाओं और लड़कियों को भी रक्तस्राव होता है” को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों में रक्तस्राव विकारों के बेहतर निदान और उपचार की आवश्यकता को उजागर करना रहा। विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि यह आबादी अभी भी कम निदान और सेवाओं की कमी की समस्या से जूझ रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर. के. धीमान ने की, जबकि डीन प्रो. शालीन कुमार, एनएचएम के रक्त कोशिका के महाप्रबंधक डॉ. सूर्यांशु ओझा, आयोजन सचिव डॉ. दिनेश चंद्रा, और राज्य नोडल अधिकारी तथा हेमटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश कश्यप प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। प्रो. रुचि गुप्ता ने सभी विशिष्ट अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।
प्रो. कश्यप ने उत्तर प्रदेश में हीमोफीलिया कार्यक्रम के सफल संचालन में राज्य स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के योगदान के लिए आभार जताया। प्रो. धीमान ने हेमेटोलॉजी विभाग द्वारा रक्तस्राव विकारों के प्रबंधन हेतु किए जा रहे आउटरीच प्रयासों की सराहना की और चिकित्सा सेवा प्रदाताओं के ज्ञानवर्धन पर बल दिया।
कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें प्रो. एस. पी. वर्मा, प्रो. नीता राधा कृष्णन, प्रो. मीरा वी, प्रो. रश्मि कुशवाहा, डॉ. मोना विजयरन, डॉ. प्रिशा, प्रो. कौशिक मंडल (मेडिकल जेनेटिक्स), और डॉ. आकांक्षा वर्मा (नियोनटोलॉजी) शामिल थे।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 26 हीमोफीलिया उपचार केंद्रों, मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों से आए 90 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन राज्य में हीमोफीलिया देखभाल के क्षेत्र में सहयोग और नवाचार के लिए एक प्रभावी मंच बना।
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