बाजपेयी कचौड़ी के यहां जीएसटी रेड, कब आयेगी इनकी बारी!

हजरतगंज में जांच करने पहुुंची टीम को बिल बुक, रजिस्टर व मशीन में मिला हेरफेर

बाजपेयी कचौड़ी के यहां जीएसटी रेड, कब आयेगी इनकी बारी!

  • अनगिनत ऐसे मशहूर चाय, पावभाजी, समोसे, चाट वाले रडार से अब तक दूर

लखनऊ। राजधानी के मशहूर बाजपेयी कचौड़ी पर जीएसटी टीम ने शुक्रवार को छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक बाजपेयी कचौड़ी भंडार द्वारा जीएसटी टैक्स चोरी की जा रही थी, जिसकी शिकायत विभाग को की गई थी। जीएसटी अधिकारियों ने मालिक से पिछले पांच साल का हिसाब मांगा और डेटा से मिलान किया, लेकिन रिकॉर्ड में हेराफेरी मिली। बताया जा रहा है कि बाजपेयी कचौड़ी की जितनी बिक्री हुई, उसका पूरा जीएसटी भुगतान नहीं किया गया। यही नहीं राजधानी में कई ऐसी दुकानें हैं जिनकी दुकानों पर जीएसटी चोरी करने के लिए केवल नगद लेन-देन किया जा रहा है। 

इनमें शुभम सिनेमा के सामने मशहूर चाय वाले, नगर निगम कार्यालय के पास एक बड़ी चाय की दुकान सहित कचहरी के पास मौजूद एक विख्यात पूड़ी भंडार, लाटूस रोड पर मशहूर चाट वाले, हजरतगंज में गांधी आश्रम के निकट मशहूर पावभाजी वाले, केडी सिंह स्टेडियम के निकट शिकंजी व पान वाले, गंज सपू्र मार्ग पर सड़क किनारे लगे तमाम फूड व चाय स्टॉल वाले, समोसे वाले, लालबाग में प्रख्यात चाट वाले जिनके दोनों व पत्तों की गिनती का रोजाना कोई हिसाब या डेटा संभवत न तो इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के पास और संभवत: संबंधित जीएसटी टीम के पास इतनी फुर्सत है कि वो इसकी पड़ताल कर पाये। वहीं जानकारों की माने तो अकेले शहर के चौक, अमीनाबाद, अमीनाबाद, इंदिरानगर, पत्रकारपुरम, आशियाना पॉवर हाउस चौराहा, इंजीनियरियंग कॉलेज, राजाजीपुरम ई ब्लाक मार्केट ऐसे सार्वजनिक स्थान हैं जहां ऐसी तमाम छोटी-मोटी अस्थानीय खानपान की दुकानें हैं, जिनके आइटम के रेट निर्धारण का कोई हिसाब नहीं होता, मनमाने ढंग से रेट तय करते हैं।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे जीएसटी की टीम ने अचानक पहुंचकर दुकान पर रेड डाली। मालिक से पूछताछ की और बयान दर्ज किया। टीम ने दुकान की मशीनें, बिल बुक और रजिस्टर जब्त कर लिए। जीएसटी के लगभग आधा दर्जन अधिकारियों करीब चार घंटे तक हिसाब का ब्योरा लिया। छापेमारी के दौरान दुकान के बाहर सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती की गई। हालांकि, दुकान में कचौड़ी की बिक्री भी चलती रही। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दुकान मालिक का बयान दर्ज कर लिया गया है। सभी वित्तीय दस्तावेजों की समीक्षा के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाएगी। जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितने टैक्स की चोरी की गई है। जीएसटी की टीम ने बाजपेयी कचौड़ी की रोजाना की बिक्री, लेन-देन और टैक्स संबंधी दस्तावेजों की जांच की है। 

हालांकि, अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि दुकान से प्रतिदिन कितने की बिक्री होती है। लेकिन, जांच के दायरे में बाजपेयी कचौड़ी का पूरा कारोबार है। दरअसल, बाजपेयी कचौड़ी भंडार पहुंचे स्टेट जीएसटी के अधिकारियों ने जब जायजा लेना शुरू किया तो उन्हें असल लेनदेन में कुछ खामियां दिखीं। इसके बाद उन्होंने रजिस्टर और बिल बुक मांगे तो इसमें भी गड़बड़ी दिखी। इसके बाद अधिकारियों ने दुकान के कुछ हिस्से को सील कर दिया।

बाजपेयी कचौड़ी भंडार के पिछले 5 साल के कारोबार की जांच की जा रही है। इसमें अधिकारियों को इनकम टैक्स और जीएसटी विभाग को दी गई रिपोर्ट्स में गंभीर असमानताएं मिलीं। लेनदेन ज्यादा हुआ था, जबकि टैक्स भुगतान कम दिखाया गया है। 2016 में बाजपेयी कचौड़ी भंडार पर एफएसडीए ने जुर्माना लगाया था। 

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां