वक्फ बोर्ड में नई नियुक्तियों पर सुप्रीम रोक
केंद्र सरकार को 7 दिन का समय, सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। गुरुवार को सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से 7 दिन का वक्त मांगा। सॉलिसिटर जनरल ने भरोसा दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वक्फ बोर्ड या वक्फ परिषद में कोई सदस्य नहीं जोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयान को रिकॉर्ड पर लिया और जवाब दाखिल करने के लिए सरकार को 7 दिन का वक्त दिया। सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के बाद 5 दिन का वक्त याचिकाकर्ताओं को दिया गया है। मामले में अगली सुनवाई 5 मई को होगा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके बाद मामले को अंतरिम आदेश के लिए लिस्ट किया जाएगा। अदालत ने कहा कि इतनी सारी याचिकाओं को सुन पाना असंभव है इसलिए केवल 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी हालांकि वक्फ एक्ट की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कुल 10 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट की गई हैं। वक्फ याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में सीजेआई संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं।
ये याचिकाएं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आप विधायक अमानतुल्ला खान, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स, अरशद मदनी, समस्त केरल जमीयतुल उलेमा, अंजुम कादरी, तैय्यब खान सलमानी, मोहम्मद शफी, मोहम्मद फजलुर्रहीम और आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने दायर की हैं। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और समाजवादी पार्टी के नेता जिया-उर-रहमान बर्क की ओर से दायर नई याचिकाओं को भी लिस्ट किया गया है।वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ; जानिए 10 बड़ी बातेंअदालत में वक्फ एक्ट की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वक्फ एक्ट के प्रावधानों पर रोक लगाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रावधानों पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा। बताना होगा कि वक्फ कानून के विरोध में देश भर में मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों के द्वारा जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है। वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर भी राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है।
क्या होता है वक्फ का मतलब?
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में बोर्ड की जमीन वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता की ओर से अदालत में पेश हुए एडवोकेट वरुण कुमार सिन्हा ने कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नए संशोधन अधिनियम के तहत वक्फ परिषद या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। सॉलिसिटर जनरल ने यह भी कहा है कि सरकार अगली सुनवाई तक रजिस्टर्ड और वक्फ-बाय-यूजर संपत्तियों को डी-नोटिफाई नहीं करेगी। एसजी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार किसी के खिलाफ नहीं है।”
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