नगर निगम का ‘गौरव’ बढ़ा पायेंगे 101वें नगर आयुक्त!

इंद्रजीत सिंह हुए रिलीव, 1200 करोड़ के अर्जित राजस्व पर लाकर छोड़ा

नगर निगम का ‘गौरव’ बढ़ा पायेंगे 101वें नगर आयुक्त!

  • बोले नवागत नगर आयुक्त बारिश से पूर्व जल निकासी दुरुस्त करना प्राथमिकता

लखनऊ। लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर गुरूवार को नवागत नगर आयुक्त का चार्ज आईएएस गौरव कुमार ने संभाल लिया, वे नगर निगम के 101वें नगर आयुक्त बने हैं। गौरव कुमार ने लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का भी पदभार ग्रहण किया। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर को तकनीकी रूप से सशक्त और नागरिक सुविधाओं से युक्त बनाने की दिशा में वे सक्रिय भूमिका निभाएंगे। वह इसके पहले प्रयागराज के सीडीओ रहे और वो चंडीगढ़ के रहने वाले हैं। 2018 बैच के आईएएस श्री कुमार ने पंजाब यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है। वहीं आईएएस इंद्रजीत सिंह अब नगर निगम से रिलीव हो गए हैं और ऊर्जा विभाग में विशेष सचिव का चार्ज लेंगे। 

वहीं इंद्रजीत सिंह के नगर निगम से रिलीव होने पर वहां के कई अधिकारियों व कर्मियों का मत रहा कि उन्होंने एक लंबे कार्यकाल में नगर निगम को शासन पर राजस्व भार नहीं बनने दिया, बल्कि 100-200 करोड़ सालाना अर्जित करने वाले नगर निगम को आज अपने प्रशासनिक कौशल और व्यवहारिक कार्यप्रणाली से 1200-1300 करोड़ के रिकॉर्ड आंकड़े पर लाकर छोड़ा है, अब आगे इसकी बागडोर नवागत नगर निगम प्रमुख गौरव कुमार के कंधों पर रहेगा। चर्चा यह भी है कि अब 101वें नगर आयुक्त के तौर पर श्री कुमार ने चार्ज लिया है तो नगर निगम लखनऊ सकारात्मक पथ की ओर अग्रसर हो सकेगा।

श्रावस्ती और कानपुर में आईएएस गौरव कुमार ने ट्रेनिंग की है। इसके बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आजमगढ़ और गोंडा में मुख्य विकास अधिकारी रहे। फिर एलडीए में रहे। इसके बाद प्रयागराज में मुख्य विकास अधिकारी रहे। चार्ज लेते हुए उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन के काम प्राथमिकता से किए जाएंगे। इसमें सफाई, टैक्स को बेहतर किया जाएगा। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रहेगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस होगा। स्पष्ट किया कि उनके कार्यकाल का उद्देश्य केवल विकास कार्य कराना नहीं, बल्कि एक संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी शहरी प्रशासन स्थापित करना होगा। उन्होंने कहा है कि शहर की साफ-सफाई केवल नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि इसमें नागरिकों की भी भागीदारी अनिवार्य है। 

उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को दुरुस्त किया जाएगा और घर-घर कूड़ा संग्रहण, सार्वजनिक स्थानों की नियमित सफाई और कचरा निस्तारण की प्रक्रिया को तकनीकी आधार पर सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने स्वच्छता रैंकिंग में लखनऊ को शीर्ष पर लाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया। उन्होंने नगर निगम की आय बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए टैक्सेशन प्रणाली को मजबूत और पारदर्शी बनाने की बात कही। संपत्ति कर सहित अन्य करों की वसूली में पारदर्शिता लाई जाएगी, और करदाताओं को डिजिटल माध्यमों से भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

कई क्षेत्रों में हर वर्ष बरसात के दौरान जल भराव की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है। श्री कुमार ने इसे नगर निगम की प्राथमिक चुनौतियों में से एक बताया और कहा कि जल निकासी की प्रणाली को दुरुस्त करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए नालियों की समयबद्ध सफाई, ड्रेनेज नेटवर्क की मैपिंग और निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। बोले कि नगर निगम में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं होगा। 

जनता की शिकायतों के समाधान के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने से लेकर समयबद्ध समाधान तक की व्यवस्था होगी। निगम अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और युवाओं के साथ मिलकर शहर के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य करेंगे। 

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