अवैध बालू खनन व भंडारण, रेड हुआ तो 50 करोड़ ख़ज़ाने में होगा लेकिन जांच की हिम्मत नहीं !
सरेंडर हुए घाट का पुरी रात अवैध खनन , दूसरे बालू घाट व फ़र्ज़ी चालान पर स्टॉक का खेल
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आईआईटी पटना के बच्चों को अंधा बना देगा बालू का पहाड़, एन एच - 139 बिक्रम से रानीतलाब तक मौत का दावत देता सड़क

आईआईटी बिहटा कैंपस के सटे बालू स्टॉक
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) 03 जनवरी । सरकार ने अवैध बालू खनन की सूचना देनेवाले को योद्धाओं को पुरस्कृत करने का काम किया है । शायद इतिहास में यह पहला कदम और सराहनीय कदम है । परंतु इसे “ नाखून कटा शहीद होने का दर्जा “ कहना गलत नहीं होगा । सरकार बालू माफियाओं पर कार्रवाई के जगह मेहरबान है ऐसा कहना गलत नहीं होगा । अगर खनन विभाग वाक़ई कार्रवाई करना चाहती है तो सरकार के नाक के नीचे , पटना जिले के एन एच 139 बिक्रम से रानीतलाब तक बालू स्टॉक की जांच करा लें , सरकार के ख़ज़ाने में फ़ाइन से 50 करोड़ होगा । लेकिन ऐसा होगा नहीं चुकीं यह खनन निरीक्षकों के सहभागिता से हो रहा है ।
पटना जिला में सोन नदी से जितना बालू खनन हो रहा है उसका मात्र 35 प्रतिशत का निर्माण हेतु परिवहन हो रहा है , 65 प्रतिशत बालू वैध - अवैध रूप से स्टॉक किया जा रहा है । किसी स्टॉक लाइसेंस के पर सीसीटीवी नहीं लगा है । कारण स्पष्ट है- जो चालान पर बालू गंतव्य स्थान पर जा रहा है , उसी चालान पर कई बार बालू का स्टॉक किया जा रहा है । अगर सीसीटीवी लगा रहता तो बालू स्टॉक के स्थान और गंतव्य स्थल पर पहुंचने वाला बालू के जीपीएस और सीसीटीवी के मिलान से स्पष्ट हो जाता की फ़र्ज़ीवाड़ा के खेल का पता चल जाता । जबकि बालू स्टॉक लाइसेंसधारियों को सीसीटीवी लगाने का प्रावधान किया गया है ।
बालू के अवैध खनन रोकने की सूचना देने वाले को पुरस्कृत करने की बातें कहीं जा रहीं है । पटना जिले में जो भी बालू घाट सरेंडर हुआ है , पुरी रात बालू का अवैध खनन किया जा रहा है । फ़र्ज़ी चालान पर बालू बिक रहा है जिससे सरकार को प्रतिदिन करोड़ों का नुक़सान हो रहा है एवं बालू माफिया सोन नदी को बर्बाद कर दिए है । यहीं नहीं, स्टॉक लाइसेंस के पर भी सरेंडर बालू घाट से अवैध बालू खनन द्वारा बालू स्टॉक किया जा रहा है । बाद में जिस बालू बंदोबस्तधारी के पास चालान शेष बचेगा वह सिर्फ़ चालान बेच देगा एवं बालू स्टॉक के लाइसेंसधारी ख़रीद लेंगे । चालान पर अंकित होगा या हो रहा है - ऑटो, कार , ई रिक्शा, मोटरसाइकिल आदी लग्ज़री गाड़ी से बालू ढोने का । ऐसा ब्रॉडसन पहले कर चुकी है । महालेखाकार ने इसका ख़ुलासा किया था , इसके बाद ई डी और ईओयू जांच कर रही है ।
एन एच 139 , बिक्रम से रानीतलाब में बालू स्टॉक का मार्केट बना दिया गया है । वैध - अवैध बालू का पहाड़ देखने को मिल जायेगा । एक चालान व फ़र्ज़ी चालान पर दिन - रात बालू स्टॉक किया जा रहा है । सीसीटीवी तो नहीं ही लगा है , किसी स्टॉक की घेराबंदी नहीं किया गया है । इससे बालू उड़कर वाहन चलाने वाले ड्राइवर एवं यात्रियों के आँखों में सीधे तौर पर पड़ रहीं है । नतीजा प्रतिदिन सड़क दुर्घटना हो रहा है और आम लोगों को जान गवाना पड़ रहा है । एन एच 139 बिक्रम से रानीतलाब तक सड़क के दोनों किनारे पर बालू जमा है , गाड़ी किनारे गई नहीं की आप दुर्घटना ग्रस्त हो जाएँगे और मौत के मुंह में चले जायेगे, अगर बच गये तो विकलांगता की जीवन तय है । लेकिन यह खनन निरीक्षकों को दिखाई नहीं देता है । और दें भी क्यों खनन निरीक्षकों के चश्मे पर शीशे की जगह काग़ज़ जो लगा है ।
पटना आईआईटी ( बिहटा ) कैंपस के सटे बालू का स्टॉक कर पहाड़ बना दिया गया है । बालू उड़कर आईआईटी कैंपस के अंदर तक जा रहा है तेज हवा चलने पर बालू का कण क्लासरूम व छात्रों के आँखों तक जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है । आसपास में कई होटल और घर है , इसमें बालू उड़कर पहुंच रहे हैं और इससे स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंच रहा है । बालू स्टॉक लाइसेंस के लिए दिये गये प्रावधान में स्पष्ट है की मुख्य सड़क, स्कूल, आवासीय परिसर, सरकारी- निजी व समाजिक प्रतिष्ठान के सटे बालू स्टॉक लाइसेंस नहीं दिया जाएगा । जबकि अधिकांश लाइसेंस इन्हीं जगहों पर दिए गये हैं जो जांच का बिंदु है ।
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