ईस्टर 2025 की तैयारियां शुरू: 13 अप्रैल से पवित्र सप्ताह की शुरुआत
बीस अप्रैल को मनाया जाएगा ईस्टर
लखनऊ। ईसाई समुदाय के लिए अत्यंत पावन और आस्था से परिपूर्ण पर्व ईस्टर की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। यह पर्व प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की स्मृति में मनाया जाता है,जो इस वर्ष बीस अप्रैल रविवार को मनाया जाएगा। इसके पूर्व एक सप्ताह तक चलने वाले पवित्र सप्ताह की शुरुआत 13 अप्रैल को पाम संडे से होगी।
पाम संडे: इस दिन ईसाई समुदाय प्रभु यीशु के यरूशलेम में विजय प्रवेश की स्मृति में पाम और जैतून की शाखाओं के साथ जुलूस निकालता है। यह दिन प्रभु के बलिदान की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है।
मौंडी थर्सडे (17 अप्रैल):कैथोलिक कलीसिया के प्रवक्ता और चांसलर डॉ. डोनाल्ड एच.आर. डीसूजा के अनुसार, ईस्टर ट्रिडुअम-प्रभु के दुःख, मृत्यु और पुनरुत्थान के तीन पवित्र दिन-मौंडी थर्सडे से आरंभ होंगे। इस दिन पवित्र यूखरिस्ट (मिस्सा बलिदान) के दौरान बिशप जेराल्ड जॉन मैथियास 12 लोगों के पैर धोकर सेवा और विनम्रता का प्रतीक प्रस्तुत करेंगे। इसी दिन को ईसाई समुदाय पुरोहिताई और पवित्र यूखरिस्ट की स्थापना के रूप में भी मानता है।
गुड फ्राइडे (18 अप्रैल): प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने और बलिदान की स्मृति में विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। शाम 4:00 बजे "क्रॉस का रास्ता" और प्रभु के दुःखभोग का समारोह प्रमुख चर्चों में आयोजित किया जाएगा।
पवित्र शनिवार (19 अप्रैल) : यह दिन मौन, प्रतीक्षा और आशा का दिन माना जाता है, जब ईसाई समुदाय प्रभु के पुनरुत्थान की प्रतीक्षा करता है। रात 10:30 बजे प्रमुख चर्चों में ईस्टर विजिल (पास्का जागरण) आयोजित किया जाएगा, विशेष रूप से सेंट जोसेफ कैथेड्रल, हजरतगंज में मुख्य आयोजन होगा।
ईस्टर संडे (20 अप्रैल): ईस्टर के दिन, प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान की महिमा में शहर के विभिन्न चर्चों में पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित किया जाएगा। यह दिन ईसाई समुदाय के लिए जीवन, आशा और विजय का प्रतीक है।
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