जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निराश्रित गोवंश की समीक्षा बैठक सम्पन्न
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी जी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय निराश्रित गोवंश की समीक्षा बैठक विकास भवन सभागार सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं ईओ से गोवंशों को संरक्षित करने हेतु जमीन की उपलब्धता, गोवंशों के सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण एवं नवनिर्मित अस्थायी गो-संरक्षण केन्द्र में गोवंशों को संरक्षित करने के सम्बन्ध में जानकारी ली। बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आदित्य प्रजापति को निर्देशित किया गया कि बैठक में जिन नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारी अनुपस्थित है उनसे स्पष्टीकरण लिया जाये। उन्होने कहा कि पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में ईओ द्वारा निर्देशों का अनुपालन किया गया लेकिन खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा कोई भी संज्ञान नही लिया गया जिस पर जिलाधिकारी ने समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया कि दिये गये निर्देशों का शत् प्रतिशत अनुपालन करें अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अगले 15 दिवसों में 144 हेक्टेयर भूमि के चिन्हांकन स्थल पर हरे चारे की बुवाई शत् प्रतिशत कराया जाये। पूर्व में दिये गये निर्देशांं के क्रम में जानकारी ली गयी कि माह में 02 बार खण्ड विकास अधिकारियों द्वारा गो-संरक्षण केन्द्रों का निरीक्षण किया जाना था जिसके लिये क्रमवार बीडीओ से जानकारी ली और कहा कि गोशालाओं में गोवंशों के लिये सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के लिये जो भी कमियां पायी गयी है, सम्बन्धित गो-संरक्षण केन्द्रों पर उसे दुरूस्त कराये और यदि सुधार नही होता है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। गो-संरक्षण केन्द्रों हेतु नामित नोडल अधिकारियों ने गोवंशों के सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण के सम्बन्ध में पायी गयी कमियों के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी और निर्देशित किया गया कि गो-संरक्षण केन्द्रों में जो भी व्यवस्थायें ठीक नहीं है तत्काल सम्बन्धित से करवाना सुनिश्चित करें। डीएम ने कहा कि नोडल अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान सम्बन्धित पशु चिकित्साधिकारी भी साथ में जायेगें। गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही गोवंशों को संरक्षित किया जाये, क्षमता से अधिक गोवंशों को गो आश्रय स्थलों में न रखा जाये इस पर विशेष ध्यान दें। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनपद के समस्त तहसीलों/विकास खण्डों/नगर पंचायतों में कैटल कैचर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिलाधिकारी ने कान्हा गौशाला के सम्बन्ध में एडीएम को निर्देशित किया कि जिन नगर पंचायतों में कान्हा गौशाला का निर्माण नहीं कराया गया है वहां तत्काल भूमि का चिन्हांकन करते हुये कान्हा गौशाला का निर्माण कार्य कराया जाये। जिलाधिकारी ने उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, खण्ड विकास अधिकारियों, पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अधिकारी अपने अपने कार्यो एवं दायित्वों का पूरी निष्ठा, ईमानदारी एवं लगन के साथ कार्य करें। अन्त में जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा कि गोवंशों के सुरक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जायेगा, यदि किसी भी गौशाला से मृत पशु पाये जाये तो उन्हें नियमानुसार दफनाने की कार्रवाई की जाये, यदि कहीं पर भी यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृत पशुओं को कुत्तो या चील/कौवा द्वारा नोचा या खाया जा रहा है तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) आदित्य प्रजापति, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव सहित जिला स्तरीय अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, ईओ उपस्थित रहे।
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