सीएसआईआर ने 150 से ज्यादा नई प्रजातियों का किया विकास
कृषि प्रौद्योगिकियों पर किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ
लखनऊ। सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान समय-समय पर औषधीय और सगंध पौधों की खेती के प्रति रुचि रखने वाले किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। इसी क्रम में सीएसआईआर-एरोमा मिशन के अंतर्गत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक,डॉ.प्रबोध कुमार त्रिवेदी द्वारा किया गया जिसमें 14 राज्यों से 64 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
निदेशक ने कहा कि संस्थान द्वारा लगभग 150 से भी ज्यादा अधिक पैदावार देने वाली नई-नई प्रजातियों का विकास किया गया है,तथा इन प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है जिससे किसान अधिक उपज प्राप्त कर रहे हैं, तथा उद्योगों को कच्चा माल मिल रहा है। एरोमा मिशन के अंतर्गत सगंधीय फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान क्लस्टर बना कर किसानों को खेती से जोड़ा जा रहा है, मिशन के अंतर्गत लगभग 45000 हेक्टयर भूमि मे सगंधीय फसलों की खेती की जा रही है साथ ही लगभग 400 आसवन इकाइयां भी उपलब्ध कराई गई हैं जिससे किसान आसानी से तेल निकाल सकें।
इसके फलस्वरूप आज भारत नीबूघास व पामारोजा के तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बन निर्यात करने की ओर अग्रसर है। आगे कहा कि भारत पिछले 25 वर्षों से विश्व के 80 प्रतिशत मेंथाल मिंट के उत्पादन के साथ अग्रणी बना हुआ है और विश्व को निर्यात कर रहा है। हमारे यहां स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए इंक्यूबेसन सुविधा उपलब्ध है, के साथ स्टार्टअप्स शुरू कर सकते हैं।
बताया कि अगले दो दिन चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीमैप के वैज्ञानिक आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय एवं सगंध पौधों की खेती पर विस्तार से चर्चा करेंगे तथा साथ ही प्रसंस्करण एवं भंडारण की तकनीकियों पर भी चर्चा की जायेगी।
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