फास्ट फूड, स्क्रीन टाइम व तनाव अच्छे स्वास्थ्य की चुनौतियां
लखनऊ । विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिवर्ष सात अप्रैल को अपने स्थापना दिवस को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाता है। स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और डाक्टरों के योगदान को चिन्हित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।
डॉ. सूर्य कान्त विभागाध्यक्ष, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय बताते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की 10 प्रमुख बीमारियां निम्नवत हैं - हृदय (इस्केमिक हृदय रोग, स्ट्रोक) और श्वसन (कोविड-19, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, लोअर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन), नियोनेटल कंडिशन, ट्रेकिया, ब्रोंकस लंग कैंसर, एल्जाएमर एण्ड डिमेंशिया, डायरिया, डायबिटीज, लीवर एवं किडनी डिजीज है वैश्विक स्तर पर कुल मौतों के 10 प्रमुख कारणों में से सात गैर-संचारी रोग हैं, जो सभी मौतों का 38 प्रतिशत या शीर्ष 10 कारणों का 68 प्रतिशत जिम्मेदार हैं। भारत में लगभग 10 करोड़ हायपरटेंशन व हृदय रोग, सांस के रोगी 10 करोड़ , 7 करोड़ डायबिटीज, और प्रतिवर्ष 7 लाख रोगी कैंसर के है। विश्व का टी.बी. का हर चौथा मरीज भारतीय है।
आकड़ों के अनुसार भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मानसिक रोगी रहते हैं, भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति मानसिक रोगी होता है। मृत्यु के कारणों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता हैः संचारी (संक्रामक और परजीवी रोग और मातृ, प्रसवकालीन और पोषण संबंधी स्थितियां ), गैर-संचारी (जीर्ण) और चोटें। आपको यह जान कर हैरानी होगी कि 18 प्रतिशत आत्महत्या करने वाले लोगों का पूर्व में आत्महत्या करने का असफल प्रयास रहा है।
डॉ. सूर्यकांत के अनुसार- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति वर्ष दुनिया भर में लगभग 1.3 करोड़ लोगों की मौतें पर्यावरणीय कारणों से हो जाती हैं, जिनसे पूरी तरह से बचा जा सकता है। इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु संकट, वायु प्रदूषण मुख्य रूप से कारक हैं। जो मानव जाति के लिए एक बहुत बड़ा स्वास्थ्य से जुड़ा खतरा है।
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