डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 23 लाख रूपये
लखनऊ। एचएएल से रिटायर कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया। उसे साइबर ठगों ने बताया कि आपके खाते से आतंकी संगठनों को फंडिंग की जा रही है। अब इस मामले में सीबीआई जांच होगी और दिल्ली पुलिस जेल भेजेगी। डरे हुए बुजुर्ग ने खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। साइबर थाना पुलिस मोबाइल नंबर और खाता नंबर के आधार पर साइबर ठगों का पता लगा रही है।
जानकारी के मुताबिक इंदिरानगर सेक्टर-19 निवासी राजेश कुमार कुरील का कहना है कि 16 अप्रैल को चार नंबर से कई बार फोन आया। उन लोगों का कहना था कि आपके आधार नंबर से बैंक आफ बड़ौदा दिल्ली में एक खाता खोला गया है। जिससे कई संदिग्ध लोगों से लेन-देन किया गया है। जो आतंकी संगठन से जुड़े हैं।
पीड़ित ने बताया कि फोन करने वाले ने कहा कि अब आपके खाते की सीबीआई की टीम जांच करेगी। दिल्ली न जाने और कोई खाता न होने की बात कहने के बाद भी वह लगातार जांच की बात कहता रहा। इसके बाद एक नंबर से वीडियो कॉल आई। आरोप है कि जांच खत्म करने के नाम पर बैंक आफ बड़ौदा की मुंशी पुलिया ब्रांच के खाते से 23 लाख रुपए सीबीआई जांच अधिकारी चुनचू मनोज के खाते में भेजने की बात कही। जांच के एक घंटे बाद पैसा वापस भेजने का भी आश्वासन दिया।
पीड़ित का कहना है कि साइबर ठग ने जिस तरह बैंक खाते में जामा पैसे को लेकर बात की, उससे धोखे में आ गया। जिसके चलते उसके बताए खाते में 16 अप्रैल शाम को ही बैंक में जाकर 23 लाख रुपए आरटीजीएस कर दिए। उसके बाद एक घंटे की जगह 24 घंटे बाद भी पैसे न आने पर साइबर ठगी का एहसास हुआ।
साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश यादव के मुताबिक साइबर ठगों ने कुछ ही घंटे डिजिटल अरेस्ट रख कर खाते की रकम पार कर दी। इसके पीछे कंबोडिया गिरोह का हाथ होने की बात सामने आई है। जो कुछ ही घंटे में खाता खाली कर देता है। गिरोह से जुड़े लोगों के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है।
टिप्पणियां