परिवहन मुख्यालय: कुछ माह पूर्व ही बदले गये बिल्डिंग के तार!
बीते शुक्रवार कमरा नंबर 13 में शार्ट सर्किट से लगी आग, उठा धुंआ
- रात 8:30 से नौ बजे के बीच टीआर सेक्शन में हुई घटना, झिर्री कटी-जले तार
- अभी तक टीसी ऑफिस में कभी भी नहीं हुई ऐसी कोई घटना या फिर वाकया
- मुख्यालय से होती है वीसी, डीएल वितरण, वीएलटीडी-एटीएस हाईटेक काम भी शुरू
लखनऊ। बीते वीकेंड की पूर्व संध्या शुक्रवार का दिन एक तरफ राजधानी के टेहरी कोठी स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय (टीसी ऑफिस) में पांच दिवसीय कामकाज खत्म होने के बाद अधिकारियों व कर्मियों का अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना होना, तो दूसरी तरफ हर बार रूटीन के तहत कुछ सेफ्टी गार्ड, कुछ कर्मियों की निगरानी में परिवहन आयुक्त कार्यालय की देखरेख का जिम्मा। तभी उसी दिन देर शाम 8:30 से रात्रि नौ बजे के बीच टीसी आफिस के कमरा नंबर 13 से धुंआ उठना शुरू हो जाता है और वो धीरे-धीरे गैलरी में भरने लगता है। वहां पर तैनात गार्ड व कर्मियों को समझते देर नहीं लगी कि कहीं आग लग गई क्या...जैसा कि विभागीय जानकार बताते हैं कि अभी तक इस प्रकार से चाहे छोटी या फिर बड़ी किसी प्रकार की चिंगारी तक का कोई वाकया टीसी आॅफिस में अब तक नहीं सुना गया।
बहरहाल, गनीमत रही कि समय रहते कर्मियों की सक्रियता और फिर बाद में बुलाये गये दमकल दस्ते के चलते सुलगता हुआ तार चिंगारी में नहीं बदला, और उठते धुंए ने एक तरह से किसी बड़ी वारदात के घटित होने का पहले ही अलार्म दे दिया। चर्चा है कि टीआर सेक्शन में यह घटना घटी, जहां पर पहले से वायरिंग के लिये झिर्री कटे हुए थे, एक्सटेंशन में कई तार लगे थे, कंप्यूटर के यूपीएस आॅन थे और अचानक लोड बढ़ने पर कहीं तार कटा हुआ था और फिर शार्ट सर्किट हो गई जिससे तार सुलगने लगा...कुछ फाइलों के फोल्डर जल गये, लकड़ी का टेबल गर्म होकर उसका कवर थोड़ा उखड़ गया, और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
वहीं कुछ पूर्व परिवहन अधिकारियों का मत लिया गया तो उनका यही कहना रहा कि अभी तक टीसी आॅफिस में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। जानकार यह भी कहते हैं कि प्रदेश का परिवहन विभाग मुख्यालय एक ऐसा सेंटर है जहां से सभी संभागीय व क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय नियंत्रित होते हैं।
विभागीय सूत्रों की माने तो अभी कुछ माह पहले ही पूरी बिल्डिंग के तारों की वायरिंग बदली गई थी, तो फिर टीआर सेक्शन कमरा नंबर 13 में ऐसा कुछ पुराने तारे आदि क्यों पड़े थे, जोकि घटना की वजह बने। साथ ही अब तो टीसी आॅफिस बिल्डिंग में ही पूरे प्रदेश के डीएल प्रक्रिया व वितरण का काम होता है, यहां का सभागार भी काफी हाईटेक, जहां से एचओडी अक्सर वीसी के जरिये शासन व क्षेत्रीय अधिकारियों से जुड़ते हैं।
वीएलटीडी, एटीएस आवंटन प्रक्रिया का भी बड़ा अत्याधुनिक काम भी मुख्यालय से ही रेगुलेट हो रहा है, ऐसे में जब उसी बिल्डिंग में इसी तरह बेतरतीब तार, कबाड़, आधी-अधूरी वायरिंग करके यूं ही छोड़ दिया जायेगा तो जाने-अनजाने में कोई भी बड़ी घटना हो सकती है, तो फिर उस दौरान उसकी विभागीय जिम्मेदारी कौन लेगा...।
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