कच्चा मकान, पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से कोरवा जनजाति परिवार हो रहा परेशान

 कच्चा मकान, पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से कोरवा जनजाति परिवार हो रहा परेशान

बलरामपुर। गरीबों को पक्का आशियाना मुहैया कराने के लिए सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना चला रही है ताकि हर गरीबों को पक्का छत मिल सकें लेकिन बलरामपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। पूरा मामला जिले के वाड्रफनगर का है। रजखेता गांव वाड्रफनगर जनपद कार्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है लेकिन जनपद और पंचायत स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आज भी एक कोरवा जनजाति के परिवार अपने पांच सदस्यों के साथ टूटी-फूटी झोपड़ी में रहने पर मजबूर है। हैरानी की बात तो यह है कि अनिल कोरवा के घर की इस हालत पर अभी तक किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ी है।

अनिल ने आज शुक्रवार को बताया कि बीते वर्ष बरसात के मौसम में उनका कच्चा मकान टूट गया था और तब से अपने परिवार के साथ इसी टूटे हुए घर में रहने को मजबूर है। अनिल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यही गुजारा करते है। अनिल और उनकी पत्नी मजदूरी कर जीवन यापन करते है। कमाए हुए रुपयों से बमुश्किल घर खर्च चल पाता है। बरसात और धूप से बचने के लिए त्रिपाल भी खरीद पाना परिवार के लिए मुश्किल हो गया है। वाड्रफनगर जनपद सीईओ निजामुद्दीन ने बताया कि, मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है। सभी ग्राम पंचायतों में सर्वे चल रहा है। अगर उनको आवास नहीं मिला होगा तब उनको आवास दिया जाएगा। फिलहाल सचिव हड़ताल पर है। अभी रोजगार सहायक सेवा दे रहे है। रोजगार सहायक से जानकारी लेकर वेरिफाई कर आगे की कार्रवाई की जाएगी और आवास किस कारणों से उन्हें नहीं दिया गया जो भी जिम्मेदार होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

 

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