प्रेम और संघर्ष की कहानी का ताना-बाना बुनती विद्याभूषण की 'प्रेयसी'
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी ने सुप्रसिद्ध सत्य कथा लेखक व पत्रकार विद्याभूषण तिवारी के उपन्यास 'प्रेयसी' को प्रकाशित किया है। उपन्यास का कथानक अंतरजातीय प्रेम पर आधारित है और एक सत्य घटना से प्रभावित है। उपन्यास की कथावस्तु झकझोर कर रख देने वाली है। इसकी हृदय-द्रावक घटनाएं पाठक को न केवल रुलाने वालीं, बल्कि विचलित भी करने वाली हैं। 'प्रेयसी' की कथावस्तु बताती है कि हमारा समाज क्या वाकई सभ्य है या फिर जंगली प्रवृत्तियां अभी भी दुर्दम्य हैं। नायक और नायिका असामाजिक समाज के निर्मम अत्याचार का किस कदर शिकार हुए हैं, यह किसी का भी दिल दहलाने के लिए काफी है। उनकी बेबसी और लाचारी पाठक की आंखों में आंसुओं का सैलाब लाने वाली हैं, उनका संघर्ष और साहस नमन के योग्य है।
'प्रेयसी' को लेकर समीक्षकों का दावा है कि इस उपन्यास को हाथ में लेने के बाद आप इसे समाप्त किए बिना नहीं रहेंगे। उपन्यास की घटनाएं एक-दूसरे से यूं गुम्फित हैं कि सारा कथानक चलचित्र की तरह तेजी से घटित होता है और हर अगला पृष्ठ आपकी जिज्ञासा को पराकाष्ठा पर पहुंचा देता है। उपन्यास का अंत बेहद हृदय विदारक है। बता दें कि विद्याभूषण तिवारी न सिर्फ उपन्यासकार और लेखक हैं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाते हैं। पुस्तक प्राप्त करने के लिए संस्कार साहित्य माला, 407, कृष्णा विहार, टाटा कंपाउंड, इर्ला ब्रिज, एस.वी. रोड, अंधेरी (प.), मुंबई 400058, मोबाइल क्रमांक 9969977079, 9820946062,
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