रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत से स्लीपर चुराकर कानपुर में बिछा रहे थे,चार गिरफ्तार
आरपीएफ ने एफसीआई के गोदाम में मारा छापा
लखनऊ। रेलवे का स्लीपर चुराकर कानपुर में प्राइवेट ट्रैक बिछाने वाले गिरोह के 4 लोगों को आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। यह छापेमारी एफसीआई के गोदाम में की गई है। कार्रवाई के दौरान मौके से 2 ट्रक भी पकड़े गए हैं। दोनों ट्रकों से 255 स्लीपर बरामद हुए हैं। इसकी कीमत 8 लाख 16 हजार बताई जा रही है।
दरअसल, लखनऊ जंक्शन की आरपीएफ टीम ने कानपुर के एफसीआई डिपो चंदारी में छापेमारी की। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। मामले में रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की भी बात सामने आ रही है। आरपीएफ ने मौके से एटा के रहने वाले ट्रक ड्राइवर अरविंद, सीतापुर के रहने वाले दीपक कुमार दीक्षित, क्लीनर पुरुषोत्तम और पीलीभीत के रहने वाले कंपनी के कर्मचारी अर्जुन सिंह को पकड़ा है। कंपनी के मालिक और मैनेजर के साथ मिलीभगत करने वाले रेलवे अधिकारियों की तलाश की जा रही है। कंपनी मालिक आयुष सिन्हा प्राइवेट साइट का काम पूरा करने के लिए बिचौलिए अमित दीक्षित से संपर्क किया था।
अमित ने बुढ़वल स्थित स्लीपर निर्माण फैक्ट्री पाटिल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के नाम में फेक चालान बनाकर स्लीपर को यार्ड से निकलवाया। आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीम कंपनी के मालिक और बिचौलिए को पकड़ने के लिए दबिश दी। संदेह के घेरे में आए अधिकारियों और मैनेजर पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
RPF के अधिकारियों का कहना है कि पहली बार लखनऊ में इस तरह का मामला सामने आया है। चंदारी रेलवे स्टेशन से एफसीआई तक 500 मीटर प्राइवेट लाइन बिछाई जानी है। इसमें 2,500 स्लीपर की जरूरत है। चंदारी रेलवे स्टेशन से FCI के गोदाम तक रेलवे लाइन बिछाने का काम देवी मां शक्ति कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। कंपनी ने खुद से स्लीपर बनाने की जगह रेलवे के स्लीपर को चोरी कर लिया। ट्रक नंबर UP 82 AT 3157 से 105 और ट्रक नंबर UP 25 DT 1320 से 150 स्लीपर बरामद किए हैं। स्लीपर को फेक चालान बनाकर पैंतीपुर स्टेशन के पास रेलवे यार्ड से चोरी किया गया था। मामले में बुढ़वल में रेलवे संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है।
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