ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद निधन
न्यूमोनिया की वजह से लंग्स में हुआ था इन्फेक्शन
- प्रधानमंत्री मोदी , खरगे व प्रियंका ने जताया शोक
नई दिल्ली। दुनियाभर में कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। वे डबल न्यूमोनिया से पीड़ित थे। उन पर किडनी खराब होने का खतरा भी मंडरा रहा था। 88 वर्षीय पोप को न्यूमोनिया की वजह से लंग्स में इन्फेक्शन भी हुआ था। इसके चलते उन्हें सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। वे एक महीने से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहे थे।पोप फ्रांसिस को 14 फरवरी को सांस लेने में समस्या की शिकायत के बाद अस्पता में भर्ती कराया गया था।
जांच के दौरान उन्हें बाइलेटरल न्यूमोनिया से पीड़ित बताया गया था। यानी उनके फेफड़ों में दोनों तरफ पानी भर गया था। इसके चलते उन्हें सांस लेने में खासा दिक्कत हो रही थी। इस बीच पोप फ्रांसिस की अगली जांच में उनकी किडनी के हल्के खराब होने की खबरें भी सामने आईं। यानी उनके खून को छानने और शरीर में ऑक्सीजन लाने-ले जाने की क्षमता दोनों ही खत्म हो रही थीं। ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें लगातार ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। इसके अलावा खून को भी लगातार साफ करने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन पर दुख जताया और कहा कि पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने पोप फ्रांसिस के साथ मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था।
उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई। वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी महासचिव एवं सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पोप फ्रांसिस के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि पोप फ्रांसिस वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए एक बहुत प्रभावशाली शक्ति थे।
खरगे ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूरी दुनिया पोप फ्रांसिस के निधन से दुखी है, जिन्हें आने वाली पीढ़ियां बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में देखेंगी। वे अंतर-धार्मिक समझ और जुड़ाव के लगातार समर्थक थे। वे वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए भी एक बहुत प्रभावशाली शक्ति थे, जिन्होंने सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने, आर्थिक असमानताओं को कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए सहयोगी प्रयासों जैसे कारणों का सक्रिय रूप से समर्थन किया।
खरगे ने कहा कि पोप फ्रांसिस वास्तव में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, एक उत्कृष्ट मानवतावादी थे, जिन्होंने अपने पीछे एक बहुत ही मूल्यवान विरासत छोड़ी है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं अपने ईसाई भाइयों के प्रति विशेष रूप से हमारे देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।
कांग्रेस महासचिव एवं सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने शोक संदेश में कहा कि परम पावन पोप फ्रांसिस का निधन पूरे विश्व के लिए एक क्षति है। वे वास्तव में प्रेम और करुणा के प्रतीक थे। वे सत्य के लिए खड़े रहे, उन्होंने अन्याय के खिलाफ निडरता से आवाज उठाई और सच्चे विश्वास के साथ गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की देखभाल की। वे दुनियाभर के उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा थे, जो एक अधिक शांतिपूर्ण और दयालु दुनिया की आशा और प्रयास करते हैं। उनकी आत्मा को शाश्वत शांति मिले। कैथोलिक ईसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में वेटिकन सिटी में अपने निवास पर निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
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