लोकतंत्र और विकास की आधारशिला है भारतीय संविधान-संजय द्विवेदी
संत कबीर नगर, बुधवार को विकास खंड सेमरियावा के एएच एग्री. इंटर कालेज उजियार दुधारा में बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जयंती उत्सव हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान विषय पर क्वीज़ एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान सफल विद्यार्थियों को शील्ड, मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सेमरियावां ब्लाक क्षेत्र के ए.एच. एग्री. इंटर कालेज उजियार दुधारा में बुद्धवार को बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जयंती उत्सव हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान विषय संविधान निर्माण की प्रक्रिया, मौलिक अधिकार, अनुच्छेद 51, संविधान संशोधन विषयों पर क्वीज़ एवं वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
प्रतियोगिता में विद्यालय की कक्षा 9 की छात्रा सुन्दरी ने प्रथम, मधु चौधरी और रुखसार द्वितीय, आंचल चौधरी तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता प्रतिभागियों को प्रधानाचार्य संजय द्विवेदी ने सम्मानित किया।
प्रधानाचार्य संजय द्विवेदी ने कहा कि संविधान देश की आत्मा है भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में किया गया था। संविधान सभा को 1946 में कैबिनेट मिशन योजना के तहत गठित किया गया था। संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। संविधान निर्माण की प्रक्रिया एक जटिल और लंबी प्रक्रिया थी, लेकिन इसके परिणामस्वरूप भारत को एक ऐसा संविधान मिला जो देश के लोकतंत्र और विकास के लिए आधारशिला है। संविधान सभा में विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल थे, जिनमें राजनीतिक नेता, वकील, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे।
उन्होंने कहा कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर प्रारूपण समिति के अध्यक्ष और संविधान निर्माण के प्रमुख शिल्पकार थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
उद्देश्य प्रस्ताव पेश किये, सरदार वल्लभभाई पटेल ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में संविधान संशोधन की दो प्रक्रियाओं का उल्लेख मिलता है। जिसमें संसद के विशिष्ट बहुमत द्वारा संशोधन की प्रक्रिया, संसद के विशिष्ट बहुमत और राज्य विधान मंडलों के अनुमोदन से संशोधन की प्रक्रिया हैं।
इस अवसर पर मुहम्मद इश्तियाक अंसारी, फसीहुद्दीन, मुहम्मद यूनुस, कमरे आलम सिद्दीकी, ओबैदुल्लाह, मुहम्मद शाहिद, अब्दुस्सलाम, जुबेर अहमद, मुहम्मद परवेज़ अख्तर, ओजैर अहमद, जुनेद अहमद, सबीह अहमद, असादुल्लाह, रफी अहमद अंसारी आदि मौजूद रहे।
टिप्पणियां